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How to Make Maduwa Halwa: उत्तराखंड का मंडुवे का हलवा, जिसे रागी हलवा भी कहते हैं, बागेश्वर जिले में खास मौकों पर बनता है. यह स्वादिष्ट और सेहतमंद मिठाई है, जिसमें आयरन, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन होता है.
हाइलाइट्स
- मंडुवे का हलवा उत्तराखंड की पारंपरिक मिठाई है.
- यह हलवा आयरन, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर है.
- मंडुवे का हलवा अब होटलों और सांस्कृतिक आयोजनों में भी परोसा जा रहा है.
कैसे बनता है मंडुवे का हलवा
मंडुवे के हलवे को बनाने की विधि आसान है और किसी भी खास मौके को स्वादिष्ट बना सकती है. सबसे पहले एक मोटे तले की कढ़ाई में देसी घी गरम किया जाता है. फिर उसमें मंडुवे का आटा डालकर धीमी आंच पर भूनते हैं. आटे का रंग जब सुनहरा हो जाए और खुशबू आने लगे, तब उसमें गुड़ या चीनी और पानी मिलाया जाता है. इसे अच्छे से चलाया जाता है ताकि कोई गांठ न रह जाए.
पोषण से भरपूर है मंडुवे का हलवा
यह हलवा सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेजोड़ है. मंडुवे में भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन होता है. यह शरीर को ताकत देता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है. बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह हलवा बेहद फायदेमंद माना जाता है. साथ ही मधुमेह और मोटापे से जूझ रहे लोग भी इसे सीमित मात्रा में खा सकते हैं, क्योंकि यह धीरे पचने वाला अनाज है, जिससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता.
अब यह व्यंजन सिर्फ पहाड़ों तक ही सीमित नहीं रह गया है. बागेश्वर और आसपास के इलाकों में मंडुवे का हलवा अब होटलों, होमस्टे और सांस्कृतिक आयोजनों में भी परोसा जा रहा है. इसे खाने वाले लोग न केवल इसका स्वाद सराहते हैं, बल्कि उत्तराखंड की पारंपरिक रसोई से जुड़ाव भी महसूस करते हैं. जब आजकल लोग फास्ट फूड से ऊब रहे हैं, तब मंडुवे का हलवा एक हेल्दी और देसी विकल्प बनकर सामने आ रहा है.
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