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कानपुर: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए जरूरी खबर है. सीबीएसई ने बोर्ड पेपर के पहले पेपर के पैटर्न में चेंज किया है. अब कॉम्पीटेंसी बेस्ड क्वेश्चन की संख्या 40% से बढ़ाकर 50% कर दी गई है. ऐसे में बोर्ड का यह फैसला बच्चों के लिए कितना फायदेमंद होगा और इस पैटर्न में चेंज होने से बच्चों पर इसका कैसा असर होगा इस बारे में आपको एक्सपर्ट की राय बताते हैं.

हुआ है यह बदलाव

आपको बता दें कि अभी तक दसवीं और बारहवीं के जो बच्चे परीक्षाएं देते थे उसमें कॉम्पीटेंसी बेस्ड क्वेश्चंस की संख्या 40% रहती थी जिसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया है. कॉम्पीटेंसी बेस्ड क्वेश्चन की बात की जाए तो यह ऐसे क्वेश्चंस होते हैं जो केस आधारित होते हैं. इस चेंजमेंट की वजह से छात्रों पर इसका प्रभाव अच्छा होगा. कानपुर के सीबीएसई प्रधानाचार्य और एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फेर बदल से छात्रों का हित होने वाला है.

छात्रों के लिए होगा फायदेमंद

सीबीएसई एक्सपर्ट और कानपुर के सर पदम पद सिंघानिया एजुकेशन सेंटर की प्रधानाचार्य भावना गुप्ता ने बताया कि इस बार सीबीएसई बोर्ड एग्जाम पैटर्न में चेंजमेंट लाया है. अब दसवीं क्लास और 12वीं क्लास के बच्चों को 50% केस बेस्ड सवालों का सामना करना पड़ेगा. यह ऐसे सवाल होते हैं जिससे स्टूडेंट्स की क्षमता का आकलन हो पता है. बच्चों के लिए भी इनका जवाब देना आसान रहता है.

इसमें स्टूडेंट्स को पैसेज को पढ़ कर उसे समझ कर उससे जुड़े सवालों का उत्तर देना होता है. इससे न सिर्फ उनके ऊपर एग्जाम का तनाव कम होगा बल्कि वह थ्योरी को और अच्छे से पढ़ सकेंगे. यह केस बेस्ड सवाल रियल लाइफ सिचुएशंस पर आधारित होते हैं. ऐसे में बच्चों के विषय संबंधित सारे कांसेप्ट भी क्लियर हो जाएंगे और उन पर एग्जाम्स का तनाव भी नहीं होगा. ऐसे में स्टूडेंट्स आसानी से बोर्ड एग्जाम दे सकेंगे.

FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 23:19 IST

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