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gas ki dawa gharelu upchar: गैस की समस्या से बहुत से लोग परेशान रहते हैं. समय से खाना ना खाने और पर्याप्त मात्रा में शारीरिक श्रम न करने से लोगों को…

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गधंराणी की खासियत 

बागेश्वर: उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में अनेक जड़ी-बूटियों का खजाना है. औषधीय गुणों से भरपूर प्रकृति की दी हुई इन जड़ी-बूटियों में से गंधराणी भी एक उपयोगी जड़ी-बूटी है. यह एक विशेष तरह की जड़ी-बूटी है. यह औषधि मुख्य रूप से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है और अपने अनूठे गुणों के कारण ये लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. यह पेट से जुड़े तमाम रोगों में बहुत लाभकारी है. आज हम आपको गधंराणी के इस्तेमाल और फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.

बागेश्वर की स्थानीय जानकार महिला संतोषी देवी ने लोकल 18 को बताया कि गंधराणी का इस्तेमाल विशेष तौर पर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है. यदि आपको गैस, अपच या पेट में भारीपन जैसी समस्याएं लंबे समय से परेशान कर रही हैं और आपने कई प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां आजमा ली हैं और राहत नहीं मिल रही है तो गंधराणी आपके लिए एक प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय हो सकती है.

सेवन का तरीका
गंधराणी को सुपारी की तरह चबाया जा सकता है. इसके अलावा इसका सेवन एक गिलास गर्म दूध या फिर गुनगुने पानी में मिलाकर भी किया जा सकता है. यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. भोजन को अच्छी तरह पचाने में मदद करती है और गैस की समस्या से स्थायी रूप से राहत दिला सकती है.

गंधराणी केवल पाचन के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. इसके नियमित सेवन से त्वचा में चमक आती है और यह त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है. यही कारण है कि इसे कुछ आयुर्वेदिक सौंदर्य उत्पादों में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है.

कीमत
बागेश्वर की सरस मार्केट में गधंराणी 10 रूपए से 30 रूपये के बीच मिल जाता है. पहाड़ी क्षेत्रों में गंधराणी का इस्तेमाल पारंपरिक व्यंजनों में भी किया जाता है. इसे खाने में तड़के के रूप में डाला जाता है जिससे स्वाद में इजाफा होता है और भोजन भी सुपाच्य बनाया जा सकता है. आज के समय में जब लोग प्राकृतिक और साइड इफेक्ट रहित उपचार की  लौट रहे हैं ऐसे में गंधराणी जैसी जड़ी-बूटियों का महत्व और भी बढ़ जाता है. यदि इसे सही मात्रा और विधि से सेवन किया जाए तो यह पेट से जुड़ी गैस सहित अन्य दिक्कतों के लिए एक प्रभावशाली घरेलू उपचार बन सकती है.

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