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क्या आप जानते हैं कि मेल एक्टर्स से ज्यादा कॉम्पिटिशन फीमेल एक्टर्स में होता था. एक एक्ट्रेस तो ऐसी भी हैं, जो सेट पर छोटे स्टार्स से बात करना तक पसंद नहीं करती थी.
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15 साल की उम्र में इस एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में भी एंट्री ले ली थी.
हाइलाइट्स
- इस अदाकारा ने साउथ और हिंदी फिल्मों में किया काम.
- छोटे सितारों से नहीं करती थी बात.
- डांस नंबर्स ने एक्ट्रेस को बनाया पहली महिला सुपरस्टार.
नई दिल्ली. ये तो सभी जानते हैं कि साउथ की कई टॉप मोस्ट एक्ट्रेस बॉलीवुड में आईं और यहां भी आकर छा गईं. लेकिन अगर हम आपको बताए… ये सिलसिला सबसे पहले 1951 में शुरू हुआ था. ये उस हसीना ने शुरू किया था, जो दिखने में बेहद हसीन, अदाकारी में बड़ी से बड़ी एक्ट्रेस के पसीने छुड़ाने वालीं, तीखे नैन-नक्श और बेहतरीन डांसर रहीं. ये वो एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में आकर कभी पीछे नहीं देखा. वो अदाकारा, जिन्होंने नामी सितारों के साथ काम किया. स्क्रीन पर जब-जब जलवा बिखेरा तो लोग कायल हो गए. वो एक्ट्रेस जो अपने को-स्टार्स को ‘मुंह’ नहीं लगाती थीं.
13 अगस्त, 1933 को एक तमिल परिवार में जन्मीं वैजयंतीमाला ने मात्र 16 साल की उम्र में ही फिल्मी दुनिया में कदम रखकर अपने करियर का श्रीगणेश कर दिया था. उस दौर में मधुबाला, नूतन, नरगिस और मीना कुमारी नामी सितारों में एक मानी जाती थीं. लेकिन, इनके बीच एक एक्ट्रेस ऐसी रही, जिन्होंने पर्दे पर धमाल किया और अपनी अदाकारी से लोगों के दिल जीत लिए. अपनी अदाकारी से भले वह लोगों को फेवरेट रहीं, लेकिन उनकी एक आदत उनके ही को-स्टार्स को नहीं भाती थी. ये एक्ट्रेस और कोई नहीं बल्कि वैजयंतीमाला हैं.
साउथ से हिंदी सिनेमा का सफर
बॉलीवुड में ऐसे कई सितारे हैं, जिनके गुरूर के किस्से आपने सुने होंगे. राज कुमार, फिरोज खान, दिलीप कुमार ये बॉलीवुड के उन सतारों में से हैं, जिन्होंने अपनी शर्तों पर काम किया और मेकर्स के आगे कभी नहीं झुके. उस दौर में उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में भी दी. लेकिन, वैजयंतीमाला का अदाजा सबसे जुदा रहा. तमिल सिनेमा से अपने सिनेमाई सफर की शुरुआत करते हुए तेजी से उन्होंने हिंदी सिनेमा की ओर रुख किया और 50-60 के दशक में अपना दबदबा बनाया.
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वैजयंती माला ने हिन्दी में डायलॉग बोलने के लिए हिन्दी भी सीखी थी. फोटो साभार-@IMDb
डांस नंबर्स ने बनाया हिट
ये उस दौर की बात है, जब मीना कुमारी, मधुबाला, नरगिस, सुचित्रा सेन, वहीदा रहमान, माला सिन्हा और नूतन दिलों पर राज कर रही थीं. वैजयंती माला की पूर्णता की एक झलक पाने के लिए, उन्हें उनके डांस नंबर ‘मन डोले मेरा तन डोले…’, ‘मैं का करूं राम मुझे बुड्ढा मिल गया…’, ‘होठों पे ऐसी बात…’, और ‘उड़े जब जब जुल्फें तेरी’ में ये सब देखने को मिलता है. उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं.
स्क्रीन पर खूब बिखेरा करिश्मा
उन्होंने स्क्रीन पर करिश्मा बिखेरा और अपनी चमकती आंखों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वैजयंती ने तमिल फिल्मों से करियर शुरू करने के बाद ‘बहार’ फिल्म से हिंदी सिनेमा में अपने सफर का आगाज किया था. यह फिल्म 1951 में रिलीज हुई थी. साल 1961 में उन्होंने ‘गंगा जमुना’ में एक ग्रामीण लड़की की भूमिका उतनी ही खूबसूरती से निभाई जितनी उन्होंने 1966 में आई ‘आम्रपाली’ में एक वैश्या या 1964 में आई ‘संगम’ में एक शहरी परिष्कार की भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्हें ‘लड़की’, ‘नागिन’, ‘संगम’, ‘सितारा’, ‘जश्न’, ‘ताज’, ‘अंजान’ और ‘पहली झलक’ समेत कई फिल्मों में काम किया.
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वैजयंती माला ने ‘देवदास’ में चंद्रमुखी का किरदार निभाया था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला. फोटो साभार-@IMDb
बॉलीवुड की ‘चंद्रमुखी’
साल 1955 में आई ‘देवदास’ फिल्म में ‘चंद्रमुखी’ का रोल करने के बाद वैजयंती माला ने लोगों के दिलों में जगह बना ली थी. यह फिल्म उनके लिए बेहद खास रही, क्योंकि इसके लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया था.
वैजयंतीमाला छोटे कलाकारों को नहीं लगाती थीं ‘मुंह’
‘आपकी कसम’ एक्ट्रेस मुमताज ने ‘डॉन न्यूज’ से बातचीत में इस बात का खुलासा किया था. एक्ट्रेस ने वैजयंतीमाला की उस आदत के बारे में बताया, जिससे उन्हें (मुमताज) को परेशानी हुई थी. एक्ट्रेस ने बताया कि 60 के दशक में जब मैंने फिल्मों में एंट्री की थी तब फिल्मी पर्दे पर वहीदा और वैजयंतीमाला छाई हुई थीं. लेकिन, उस वक्त की हीरोइनों में से कुछ ही न्यूमकमर्स के साथ बात करती थीं. मुमताज ने बताया कि वैजयंतीमाला तो उनसे बात भी नहीं करती थीं.
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वैजयंती माला ने ‘संगम’, ‘साधना’, ‘सूरज’, ‘प्रिंस’, ‘मधुमति’, ‘गंगा जमुना’, ‘आम्रपाली’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया. फोटो साभार-@IMDb
क्यों घुलती-मिलती नहीं थीं वैजयंतीमाला?
वो ऐसा क्यों करती थीं? इसका जवाब भी एक्ट्रेस ने दिया था. उन्होंने बताया था कि वो लोग तो बहुत बड़े थे और हम तो छोटे थे. उन्हें हमारे साथ घुलना-मिलना पसंद नहीं था. बस वहीदा रहमान ही थीं, जो हमसे घुलती-मिलती थीं. वह बहुत ही डाउन टू अर्थ थीं. वैजयंतीमाला भी उसी दौर की थीं पर उन्होंने मुझसे बात नहीं की. एक्ट्रेस ने कहा कि कुछ लोग अपने से कमतर लोगों से बात नहीं करना चाहते. कुछ कलाकार जब सड़क पर होते हैं तो ऑटोग्राफ भी नहीं देते हैं.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
February 22, 2025, 04:02 IST
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