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Purslane Grass Benefits: गांव की पगडंडियों पर उगने वाला कुलफा पौधा साधारण नहीं बल्कि सेहत का खजाना है. ग्रामीण इलाकों में इसे लुनिया या खुर्सा के नाम से जाना जाता है. इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों, हड्डियों और दिल के लिए फायदेमंद हैं. कुलफा साग न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी वरदान साबित होता है.
नागौर. गांव की पगडंडियाें या घर के आस-पास अक्सर एक छोटा सा पौधा उगता है, जिसे बेकार घास समझकर लोग उखाड़कर फेंक देते हैं, लेकिन सच यह है कि यह पौधा किसी खजाने से कम नहीं है. इसका नाम है कुलफा, जिसे लुनिया या फिर खुर्सा के नाम से भी जाना जाता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुलफा कोई साधारण पौधा नहीं, बल्कि पोषक तत्वों का भंडार है, जो कई गंभीर बीमारियों में प्राकृतिक इलाज की तरह काम करता है.
कुलफा घास के फायदे
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, यह हड्डियों को मजबूत रखने में भी लाभकारी है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है जो हड्डियों को मजबूत रखता है और बुजुर्गों के जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है. यह एनीमिया से छुटकारा दिलाता है. इसमें मौजूद आयरन खून की कमी को पूरा करता है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा आती है. कुलफा कब्ज और एसिड जैसी समस्याओं को दूर करता है और पेट को हल्का रखता है. इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड दिल की धड़कन को नियंत्रित रखता है और दिमाग सेहत के लिए भी अच्छा है. कुलपा के साग का नियमित सेवन करने से एनीमिया की समस्या से राहत मिलती है. ग्रामीण गीता देवी ने बताया कि कुलफा साग न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि पोषण में से भरपूर भी होता है.
कुलफा के साग की रेसिपी
ग्रामीण गीता देवी ने बताया कि कुलफा का साग बनाना बेहद आसान है. सबसे पहले कुलफा को अच्छी तरह धोकर उसके पते और कोमल डढंल काट लें और एक कढ़ाई में तेल गर्म करें. इसके बाद उसमें प्याज डालकर सुनहरा भून लें. अब अदरक, लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालकर थोड़ी देर चलाएं. इसके बाद टमाटर और सारे मसाले( हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर, नमक) डालकर मसाला भून लें. मसाले में कटे हुए कुलफा डालकर धीमी आंच पर पकने दें. कुलफा से अपने आप पानी निकलता है, इसलिए ज्यादा पानी डालने की जरूरत नहीं होती. जब कुलफा नरम होकर मसाले में अच्छे से मिल जाए तो गैस बंद कर दें. यह सस्ता, सुलभ और सेहतमंद विकल्प है, जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं. अब जब भी आपको खेतों की पगडंडी या घर के पास यह पौधा दिखे, तो इसे बेकार का घास न माने, बल्कि अपनी सेहत का हिस्सा बनाएं और सेहत के लिए उपयोग करें.
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से News18 हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से News18 हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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