[ad_1]
Last Updated:
सोनभद्र की तीन बहनों सुमन, मंजू और आराधना ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पास कर सफलता की मिसाल पेश की. किसान परिवार से आने वाली इन बहनों ने कठिनाइयों के बावजूद यह उपलब्धि हासिल की.

Success Story
हाइलाइट्स
- सोनभद्र की तीन बहनों ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पास की.
- किसान परिवार से आने वाली बहनों ने कठिनाइयों के बावजूद सफलता पाई.
- गांव की सुमन, मंजू और आराधना ने पुलिस भर्ती परीक्षा में इतिहास रचा.
सोनभद्र: कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता, बस एक पत्थर तो तबियत से उछालो. इस खबर में कवि की पंक्तियां सच होती दिख रही हैं. मेहनत और लगन से सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं बेटियां अब ‘खाकी वर्दी’ पहनेंगी. उन्होंने कठिनाई, संघर्ष और संसाधनों की कमी को पीछे छोड़ते हुए लक्ष्य हासिल किया. किसान पिता ने कठिनाइयों में भी तालीम दिलाई और तीन बेटियों ने सफलता की कहानी लिखी. तीनों बहनों ने पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता पाई और परिवार का नाम रोशन किया.
यूपी पुलिस में भर्ती होकर रचा इतिहास
अल्लामा इकबाल की पंक्तियां “खुदी को कर बुलंद इतना…” सोनभद्र जिले की तीन बहनों के यूपी पुलिस में चयन के बाद सटीक बैठती हैं. परिवार में खुशी का माहौल है. उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा में चयनित होकर सोनभद्र की तीन सगी बहनों ने जिले का नाम रोशन किया है. यह बहनें साधारण किसान परिवार से आती हैं, उनके पिता किसान हैं और दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. ग्रामीण परिवेश और कठिनाईयों के बावजूद उन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा पास की. सोनभद्र के करमा थाना क्षेत्र के करकी गांव की सुमन सिंह पटेल, मंजू सिंह पटेल और आराधना सिंह पटेल ने एक साथ यूपी पुलिस में सिपाही भर्ती परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया है. पूरे गांव में जश्न का माहौल है.
देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई
उनके पिता अनिल सिंह पटेल किसान हैं और माता राजकुमारी देवी गृहिणी हैं. उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी यज्ञ नारायण सिंह पटेल थे, जिन्होंने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी. यह परिवार अपनी संघर्ष गाथा और नई पीढ़ी की शानदार उपलब्धियों के लिए प्रेरणा बना हुआ है. सेनानी यज्ञ नारायण सिंह पटेल के पांच पुत्रों के बच्चों में चार सिपाही, एक असिस्टेंट मैनेजर (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) श्याम ललित सिंह पटेल, एक इंजीनियर (यूपीपीसीएल) शिवललित सिंह पटेल और अवधेश सिंह पटेल यूपी पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं. यह परिवार मेहनत, लगन और देशसेवा का जीता-जागता उदाहरण है.
गांव में रहकर ही तीनों बहनों ने पढ़ाई
तीनों बहनों ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हंस वाहिनी इंटरमीडिएट कॉलेज, कसया कला से प्राप्त की और आगे की शिक्षा जेपीएस महाविद्यालय कसया कला से ग्रहण की. गांव में रहकर ही तीनों बहनों ने पढ़ाई और पुलिस भर्ती की तैयारी की, जिसके बाद उन्होंने यह बड़ी कामयाबी हासिल की. यह परिवार और इन बहनों की यह उपलब्धि आज के समाज में बेटियों की ताकत, आत्मनिर्भरता और परिवार के सपनों को साकार करने की एक शानदार मिसाल बन गई है.
[ad_2]
Source link