[ad_1]
Last Updated:
Ahmedabad gold smuggling Case: अहमदाबाद के पालडी इलाके में एक बंद अपार्टमेंट से ₹100 करोड़ का सोना, ₹1.3 करोड़ नकद और महंगी ज्वेलरी बरामद हुई. DRI और ATS की संयुक्त कार्रवाई में 87.9 किलोग्राम सोने के बिस्किट ज…और पढ़ें

अहमदाबाद के एक घर से डीआरआई को गोल्ड बरामद किया है.
हाइलाइट्स
- यह मामला 100 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन तक जा पहुंचा है.
- शक जताया जा रहा है कि ये गोल्ड विदेशी से तस्करी करके लाया गया होगा.
- जांच एजेंसी को एक और बड़ा शक ‘डब्बा ट्रेडिंग’ की ओर इशारा कर रहा है.
अहमदाबाद: गुजरात के पालडी इलाके के एक फ्लैट से बरामद 88 किलो सोना, 19.6 किलो जेवरात और ₹1.3 करोड़ नकद के साथ यह मामला 100 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन तक जा पहुंचा है. गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की टीम ने मिलकर इस भारी मात्रा में सोने की बरामदगी की है. अब गोल्ड की बरामदगी के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, 52 किलो सोने में जो निशान मिले हैं उससे शक जताया जा रहा है कि ये गोल्ड विदेशी से तस्करी करके लाया गया होगा. वहीं इस मामले में जांच एजेंसी को एक और बड़ा शक ‘डब्बा ट्रेडिंग’ की ओर इशारा कर रहा है.
बताया जा रहा है कि कुल बरामदगी ₹100 करोड़ तक पहुंच गई, जिसमें 87.9 किलो सोना, 19.6 किलो सोने-चांदी के आभूषण, ₹1.37 करोड़ कैश और 11 लग्ज़री घड़ियां शामिल हैं. यह हाल के सालों में जांच एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई सोने की सबसे बड़ी खेपों में से एक मानी जा रही है. सोमवार को गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की संयुक्त टीम ने पालडी इलाके के अविष्कार अपार्टमेंट में छापेमारी की थी. यह अपार्टमेंट महेंद्र शाह और उनके बेटे मेघ शाह ने किराए पर लिया था.
क्या डब्बा ट्रेडिंग से जुड़ा है यह मामला?
जांच एजेंसियां इस बात की तफ्तीश कर रही हैं कि मुख्य आरोपी मेघ शाह, जो मुंबई में स्टॉक ट्रेडिंग से जुड़ा है, क्या डब्बा ट्रेडिंग में लिप्त था?
– डब्बा ट्रेडिंग शेयर बाजार की एक गैरकानूनी प्रैक्टिस है, जहां बिना किसी वास्तविक ट्रेडिंग के केवल कीमतों पर सट्टा लगाया जाता है.
– अवैध सोना और कैश का इस्तेमाल ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए किया जाता है, जिससे सरकार को करोड़ों का टैक्स नुकसान होता है.
– सोने की तस्करी और डब्बा ट्रेडिंग एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं, क्योंकि ये दोनों ही अघोषित संपत्ति को छिपाने के बड़े साधन माने जाते हैं.
एजेंसियां सख्त, जांच जारी!
ATS ने बताया कि सोने की वास्तविक सोर्सिंग और इस संपत्ति के पीछे कौन-कौन शामिल हैं, इस पर गहन जांच की जा रही है.
– क्या यह सिर्फ सोने की तस्करी का मामला है, या फिर डब्बा ट्रेडिंग के जरिए ब्लैक मनी को ठिकाने लगाने का बड़ा रैकेट?
– क्या इस मामले के तार किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं?
– क्या अवैध तरीके से शेयर बाजार में पैसा घुमाने के लिए सोने का इस्तेमाल किया जा रहा था?
– सरकार और SEBI सख्त
इस मामले ने SEBI और टैक्स विभाग को भी अलर्ट कर दिया है, क्योंकि अगर डब्बा ट्रेडिंग का लिंक मिला, तो यह केवल तस्करी नहीं, बल्कि फाइनेंशियल फ्रॉड का भी मामला बन सकता है.
डब्बा ट्रेडिंग क्या है?
डब्बा ट्रेडिंग शेयर बाजार में एक अवैध (गैरकानूनी) तरीका है, जिसमें शेयरों की खरीद-बिक्री बिना किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज (NSE/BSE) पर किए होती है. यह एक तरह की सट्टेबाजी होती है, जिसमें असली शेयर खरीदे या बेचे नहीं जाते, बल्कि सिर्फ उनके दाम पर दांव लगाया जाता है.
डब्बा ट्रेडिंग कैसे काम करता है?
– फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म: इसमें एक अनधिकृत (गैर-रजिस्टर्ड) ब्रोकर होता है, जो निवेशकों से सीधे सौदे करता है.
– बाजार से बाहर दांव: असली शेयर बाजार में ऑर्डर देने के बजाय, निवेशक सिर्फ शेयर की कीमतों पर सट्टा लगाते हैं.
– कैश ट्रांजैक्शन: यह ट्रेडिंग अक्सर नकद में होती है ताकि टैक्स से बचा जा सके.
– ब्रोकर का नियंत्रण: चूंकि यह गैरकानूनी है, ब्रोकर मनमाने तरीके से पैसे डुबो सकता है, और निवेशक के पास कोई कानूनी सहारा नहीं होता.
Ahmadabad Cantonment,Ahmadabad,Gujarat
March 19, 2025, 11:01 IST
[ad_2]
Source link