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Delhi Crime News: सोशल मीडिया की दोस्‍ती एक युवती को इस कदर भारी पड़ी कि उसकी जान हलक में फंस गई. दरअसल, कुछ लोगों ने इस युवती को फंसाने के लिए सोशल मीडिया के जरिए अपना जाल फेंका. वहीं, लालच में फंस कर यह युवती इन लोगों के झांसे में आ गई. इसके बाद, ये लोग जैसा-जैसा कहते गए, यह युवती बिल्‍कुल वैसा-वैसा करती गई. वहीं, जब इस युवती को पूरा खेल समझ में आया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस युवती ने मदद के लिए दिल्‍ली पुलिस से गुहार लगाई.

दिल्‍ली पुलिस की साइबर नॉर्थ टीम ने अब इस मामले में एक-एक कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारियां दिल्‍ली और उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से की गई है. आपको बता दें कि यह पूरा मामला साइबर ठगी से जुड़ा हुआ है. यह गिरोह पर सोशल मीडिया के जरिए मासूम लोगों को झांसा देकर लाखों रुपये ठगने का काम करता था. गिरफ्तार आरोपियों के कब्‍जे से 1.39 लाख रुपये नकद, 11 मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड और एक बैंक पासबुक बरामद की गई है.

क्‍या है पूरा मामला?
उत्‍तरी दिल्‍ली जिला पुलिस उपायुक्‍त राजा बंठिया के अनुसार, दिल्ली के फर्शखाना इलाके की एक युवती ने शिकायत दर्ज की कि उसने इंस्टाग्राम पर एक निवेश का विज्ञापन देखा, जिसमें 100 फीसदी मुनाफे का वादा किया गया था. लालच में आकर उसने बताए गए नंबर पर संपर्क किया. जिसके बाद, उसे टेलीग्राम चैनल पर जोड़ा गया. इसके बाद, उससे निवेश, खाता सत्यापन, जीएसटी और पेमेंट करेंक्‍शन के बहाने कई बार पैसे ट्रांसफर कराए गए. आरोपियों के कहने पर प‍ीडि़ता ने अलग-अलग बैंक खातों में 1,23,986 रुपये जमा करा दिए.

युवती का आरोप है कि उसे न तो मुनाफा मिला और न ही उसका पैसा वापस हुआ. ठगी का अहसास होने पर उसने साइबर नॉर्थ थाने में शिकायत दर्ज कर मदद मांगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर नॉर्थ थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर रोहित गहलोत के नेतृत्‍व में एक विशेष टीम बनाई गई. इस टीम में एसआई तस्वीर माथुर, एसएसआई संदीप और हेडकॉन्‍स्‍टेबल विनीत शामिल थे. जांच में पता चला कि यह एक सुनियोजित साइबर ठगी का नेटवर्क था, जो मनी म्यूल खातों के जरिए काम करता था.

इस बैंक के खाते में मिला रुपया
साइबर नॉर्थ थाना पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जिस खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए थे, वह कोटक महिंद्रा बैंक एक खाता था, जो उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले अंशुमन नाथ के नाम पर था. पुलिस टीम ने गाजियाबाद में छापेमारी कर अंशुमन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने बैंक खाते को कमीशन पर ध्रुव अग्रवाल नाम के शख्‍स को दिया है. इसके बाद, अंशुमन की निशानदेही पर ध्रुव अग्रवाल को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया. ध्रुव ने बताया कि वह मध्यस्थ था और उसने अंशुमन जैसे लोगों के खातों का इस्तेमाल ठगी के पैसे को आगे बढ़ाने के लिए किया.

इसके बाद, अंशुमन और ध्रुव की निशानदेही पर पुलिस ने उत्‍तर प्रदेश के कासगंज में स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान यथार्थ बंसल, गौरव वर्मा, आदेश कुमार, राहुल उर्फ हरदेव और कुलदीप को गिरफ्तार किया गया. इनके कब्‍जे से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, फर्जी नामों के एटीएम कार्ड और ठगी से निकाले गए 1.39 लाख रुपए बरामद किए गए. साइबर नॉर्थ थाना पुलिस की टीम गिरफ्तार सातों आरोपियों से पूछताछ कर उन लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिनको ये सभी अब तक अपनी ठगी का शिकार बना चुके है.

22 साल का युवक था गिरोह का मास्‍टरमाइंड
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिए लोगों को लुभाता था. वे मनी म्यूल खातों में पैसे जमा करवाते और फिर उसे दूसरे खातों में ट्रांसफर करते या नकद निकालते. कमीशन के लालच में ये लोग फर्जी नामों, कई सिम कार्ड और एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते थे ताकि पैसों का स्रोत छिपाया जा सके. संवाद के लिए वे एन्क्रिप्टेड ऐप्स का उपयोग करते थे ताकि पुलिस की पकड़ से बचा जा सके.

पूछताछ में पता चला कि यूपी के कासगंज में रहने वाला 22 वर्षीय यथार्थ बंसल इस गिरोह का सरगना था. वहीं, 23 वर्षीय अंशुमन नाथ बीटेक का छात्र है और अपने खाते को ठगी के लिए देता था. 21 वर्षीय मध्यस्थ खातों का इंतजाम करता था. 22 वर्षीय गौरव वर्मा कैश निकालने का काम करता था. 23 वर्षीय राहुल उर्फ हरदेव कैश निकालकर कमीशन लेता था. 24 वर्षीय आदेश कुमार और 22 वर्षीय कुलदीप भी कैश निकालने काम करता था.

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