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Himachal Pradesh News: साइबर ठगी के मामले अब हद से अधिक आने लगे हैं. इन ठगों के निशाने पर आम से लेकर खास तक सभी हैं. किस फोन की घंटी कब कितने रुपये साफ कर दे कह नहीं सकते.

स्कैमर्स से तो हिमाचल के मंत्रीजी भी नहीं बच पाए! बैंक में आया फोन- 8 लाख भेजो, फिर मच गया हड़कंप

हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह.

हाइलाइट्स

  • हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खाते से ठगी की कोशिश.
  • बैंक प्रबंधक की सतर्कता से ठगी की कोशिश नाकाम.

शिमला: साइबर ठगी का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार ठगी के नए मामले सामने आ रहे हैं. सावधानी हटी…दुर्घटना घटी. साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी ही जरूरी है, क्योंकि न जाने किस तरह से कोई ठग चपत लगा जाए. सोचिए अब तो स्कैमर्स मंत्री जी को भी नहीं बख्श रहे हैं. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बैंक खाते से एक ठग ने धोखाधड़ी करने की कोशिश की.

बैंक ने दी शिकायत
बता दें, यूको बैंक की विधानसभा शाखा की मुख्य प्रबंधक प्रिया छाबड़ा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बालूगंज थाने में शिकायत दी कि एक अज्ञात व्यक्ति ने बैंक में फोन किया और उसने खुद को सचिवालय का कर्मचारी बताया. उसने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खाते की शेष राशि जानने की कोशिश की.इसके बाद उसने 7 लाख 85 हजार 521 रुपये का ‘रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट’ (आरटीजीएस) ट्रांसफर करने को कहा.

ऐसे बचे मंत्री जी ठगी से
आरटीजीएस एक तीव्र और सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है जो बैंकों के बीच बड़ी रकम के तत्काल हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करती है. मगर, बैंक प्रबंधक ने जब कॉलर की पहचान की जांच की तो मामला संदिग्ध लगा. इस दौरान मंत्री के निजी सचिव को बैंक ने संपर्क किया. इसके बाद उनके हस्तक्षेप से यह धोखाधड़ी की कोशिश असफल हो गई. पुलिस ने बैंक प्रबधंक की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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