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Fake Currency Gang: दिल्ली पुलिस ने नकली नोटों और हथियारों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया. बिहार के सीवान से जुड़े इस गैंग में एक महिला भी शामिल थी.

स्कॉर्पियो में चल रहा था करोड़ों का करेंसी कारोबार, MP से आती थी महिला, फिर..दिल्ली पुलिस ने गैंग का किया भंडाफोड़.

हाइलाइट्स

  • पुलिस ने 4.10 लाख की नकली करेंसी के साथ पांच पकड़े.
  • आरोपियों के पास से 10 पिस्टल और 68 कारतूस बरामद किए.
  • बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो और महिला तस्कर से गिरोह की पहचान हुई.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को हाल ही में एक बड़ी हामयाबी मिली है. पुलिस ने नकली नोटों और अवैध हथियारों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 4 लाख 10 हजार रुपये की नकली भारतीय करेंसी भी बरामद हुई है. इसके अलावा- 10 पिस्टल और 68 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं.

बिहार के सीवान से चल रहा था नकली नोटों का नेटवर्क
पुलिस को जब नकली नोटों के नेटवर्क की भनक लगी, तो जांच शुरू की गई. जैसे-जैसे सुराग मिलते गए, पुलिस की टीम बिहार के सीवान जिले तक पहुंच गई. यहीं से पूरे देश में नकली नोटों की सप्लाई की जा रही थी. सीवान से आने वाले नकली नोट बड़ी चालाकी से अलग-अलग राज्यों में भेजे जाते थे, जिससे असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता था.

अफसरों ने प्लान बनाकर दबोचा गैंग
इस ऑपरेशन को अंजाम देने में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के DCP अमित कौशिक और ACP कैलाश बिष्ट की टीम का बड़ा रोल रहा. उन्हें जैसे ही इस गिरोह की जानकारी मिली, उन्होंने एक के बाद एक छापेमारी की और सभी आरोपियों को पकड़ लिया. इनमें से कुछ लोगों को हथियारों के साथ पकड़ा गया.

गैंग में महिला भी शामिल
इस गैंग में एक महिला मीरा भी शामिल थी, जो ट्रांसपोर्टर बनकर काम करती थी. वह अक्सर मध्य प्रदेश से आती थी और हथियारों या नकली नोटों की सप्लाई में मदद करती थी. चूंकि वह एक महिला थी, इसलिए कोई भी उस पर शक नहीं करता था. लेकिन असलियत में वह इस पूरे गैंग का अहम हिस्सा थी. पुलिस को उसकी भूमिका का पता चलते ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया.

फिरोजाबाद से पकड़ा गया गैंग का सरगना
इस गैंग का लीडर शमशु नाम का व्यक्ति था, जिसे उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से पकड़ा गया. शमशु ने देश के कई हिस्सों में अपने नेटवर्क फैला रखे थे और वह बहुत ही शातिर तरीके से नकली नोटों और अवैध हथियारों की सप्लाई कर रहा था. वह अपने गिरोह के लोगों को अलग-अलग राज्यों में काम बांटकर भेजता था ताकि पुलिस को पकड़ने में ज्यादा दिक्कत हो.

बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो में करते थे धंधा
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि गैंग ने अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी को बुलेट प्रूफ बनवा रखा था. पुलिस को शक है कि शायद इन लोगों को डर था कि कहीं कोई दूसरा गैंग उन पर हमला न कर दे, इसलिए उन्होंने खुद को बचाने के लिए बुलेट प्रूफ गाड़ी इस्तेमाल की. आमतौर पर बुलेट प्रूफ गाड़ियां वीआईपी लोग या सुरक्षा एजेंसियां इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इस गैंग ने अपने धंधे को सुरक्षित रखने के लिए इस तकनीक का गलत इस्तेमाल किया.

क्या चुनाव में इस्तेमाल होने वाले थे नकली नोट?
अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या ये नकली नोट बिहार में होने वाले चुनाव में इस्तेमाल किए जाने वाले थे. क्योंकि चुनाव के समय पैसों की खूब आवाजाही होती है और कई बार ऐसे मामलों में नकली करेंसी का भी इस्तेमाल हो जाता है. इस एंगल पर स्पेशल सेल की टीम गंभीरता से जांच कर रही है.

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