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Hyderabad News: हैदराबाद के टी-हब के MATH हब ने स्पलिंक प्रो एआई प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जो शिक्षा और खेल में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए क्रांतिकारी साबित होगा.

हैदराबाद. टी-हब के ‘MATH हब’ ने एक अभिनव एआई प्लेटफॉर्म ‘स्पलिंक प्रो’ लॉन्च करने की घोषणा की है. यह प्लेटफॉर्म छात्रों और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है. आयोजन के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि यह पहल शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में नई दिशा प्रदान करेगी और तकनीक की मदद से व्यक्तिगत विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी.
एआई की शक्ति से लैस प्लेटफॉर्म
स्पलिंक प्रो मानव विकास के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी नवाचार के रूप में सामने आया है. इस प्लेटफॉर्म में एआई कॉग्निटिव असेसमेंट्स, एआई न्यूट्रिशन इंटेलिजेंस और एआई फिजिकल असेसमेंट्स जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं. ये सुविधाएं फोकस, निर्णय लेने की क्षमता, ऊर्जा संतुलन और एथलेटिक गतिविधियों को बेहतर बनाने में मदद करती हैं. यूरोपीय शोध टीमों के सहयोग से विकसित यह प्लेटफॉर्म स्कूलों, कोचों और अभिभावकों को छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए डेटा-आधारित जानकारियां प्रदान करता है.
क्या है उद्देश्य
स्पलिंक प्रो के सीईओ मोहित माथुर ने कहा कि हमारा लक्ष्य शिक्षा और कल्याण को स्कोरबोर्ड और स्क्रीन की सीमाओं से आगे ले जाना है. स्पलिंक प्रो को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह विज्ञान को रोजमर्रा की प्रगति में बदल दे, ताकि हर छात्र तेज सोच सके, मजबूती से आगे बढ़ सके और एक स्वस्थ जीवन जी सके. उनका कहना था कि यह प्लेटफॉर्म आने वाले समय में शिक्षण संस्थानों के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है.
इस कार्यक्रम के अवसर पर ब्रेनफीड के सहयोग से हैदराबाद के 14 स्कूलों को सर्वश्रेष्ठ खेल कार्यान्वयन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इन पुरस्कृत स्कूलों में चिरेक इंटरनेशनल स्कूल, हैदराबाद पब्लिक स्कूल (बेगमपेट), सिल्वर ओक्स इंटरनेशनल और द गौडियम जुबली हिल्स पब्लिक स्कूल जैसे प्रमुख संस्थान शामिल थे. आयोजकों ने कहा कि यह सम्मान उन स्कूलों को प्रोत्साहित करेगा जो खेल और शिक्षा दोनों में समान रूप से उत्कृष्टता हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
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