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Pandit Dhirendra Shastri Katha: कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री हनुमान कथा करते समय कहा कि 2014 के समय कुछ लोगों ने परसेंट का हवाला देते हुए कहा था बोटी बोटी कर देंगे, अब हिंदुओं को छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं.

मेरठ में कर रहे पंडित धीरेंद्र शास्त्री कथा.
मेरठ. यूपी के मेरठ में हनुमंत कथा के दौरान कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दो हजार चौदह में मेरठ में कुछ मजहबी लोगों ने कहा था कि अभी मात्र इतने परसेंट हैं जिस दिन पचास परसेंट हो जाएंगे बोटी-बोटी कर देंगे. ऐसे लोगों को मेरा जवाब है कि ये ख़्वाब तुम छोड़ो ये तुम्हारे सपने हैं, अब हिंदुओं को छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं. हम किसी के खिलाफ नहीं हैं.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मेरठ में एक ने पूछा कि आप हिंदू मुसलमान बहुत करते हैं, मैंने जवाब दिया कि हम हिंदू-मुसलमान नहीं करते हम हिंदू-हिंदू करते हैं. हम नहीं सुधरने वाले हैं. हिंदूओं को एकजुट होने को लेकर उन्होंने कहा आज हम जितनी जगह भी कथा करने जाते है, वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु होते हैं. हम सभी से एक ही बात कहते है कि कथा में दक्षिणा के रूप में हमे हिंदुओं की एकता दे दो, हमे और कुछ नहीं चाहिए. बागेश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से जारी हनुमंत कथा में मानों पूरा शहर उमड़ रहा है.
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चौथे दिन भी करीब सवा लाख श्रद्धालु कथा स्थल पर आस्था की गंगा में गोते लगाने पहुंचे. जागृति विहार में चल रही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा से पूरा शहर मानों भक्ति के रंग में रंग गया हो. हजारों की संख्या में भक्त हनुमंत कथा सुनने पहुंच रहें हैं. मंगल आरती से शुरू हुई चौथे दिन की कथा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा जनता जिस नेता को चुनती है वह संसद में बैठता है, और भगवान जिसको चुनता है वह कथा मे बैठता है. इसलिए जो श्रद्धालु कथा स्थल पर आए हैं उन्हें भगवान ने ही भेजा है.
अपने भक्तों को बागेश्वार धाम आने का न्यौता देते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हरी से नयन मिला कर तो देखों, थोड़ा सा ही सही धोखा खाकर तो देखो, एक बार बागेश्वर धाम आकर तो देखों तुम्हारे सभी दुख दूर हो जाएंगे. कथा के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों से कहा कि प्रभु हमारी तो एक इच्छा है कि एक बार जीते जी तुम्हारा दीदार करूं. उन्होंने हर पल भगवान अपने मन में रखने की बात कही. बोले यह जीवन एक बार ही मिलता है, क्यों न इसके सामाप्त होने से पहले जीते जी एक बार प्रभु का दीदार किया जाए. इसके लिए प्रभु की भक्ति से अच्छा कोई और जरिया नहीं है. कहा मेरी तो जिंदगी की शाम होने चली है, अब भगवान के दीदर के अलावा कोई और इच्छा नहीं है.
बागेश्वार धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा मानव रूपी यह शरीर एक दिन तो जलकर भस्म होना है, लेकिन इसके जलने से पहले क्यों न धर्म विरोधियों को जलाया जाए. यानी ऐसे लोग जो सनातन धर्म को तोड़ना चाहते है, बांटना चाहते है उन्हें एक होकर दिखाओ जिससे वह जलें. जहां बरसात हुई होती है, वहां फसल खराब हो जाती है, इसी तरह जहां संस्कार नहीं होते वहां की नस्ले खराब हो जाती है. धीरेंद्र शास्त्री ने हर सनातनी परिवार के बच्चों को संस्कारी बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा जिस तरह बरसात होने पर फसले खराब हो जाती है, उसी तरह जिन परिवारों में अच्छे संस्कार नहीं होते वहां पैदा होने वाली नस्लें खराब हो जाती है. बागेश्वार धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर देश को हिंदू राष्ट्र बनाने और सभी सनातनियों को एक होने की बात कही.
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