Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

हरे मिर्च की खेती के लिए खतरनाक हैं ये रोग, ऐसे करें बचाव, वरना फसल हो जाएगी बर्बाद

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: एक ऐसी फसल जो किसानों के लिए रोजगार का बड़ा साधन है. ये वही खेती है, जो तुरंत मुनाफा देने वाली मानी जाती है. लेकिन कुछ बीच में ऐसी परेशानी आती है जिसमें थोड़ी-सी लापरवाही पूरी फसल को नष्ट कर देती है और अधिक मुनाफा देने वाली इस फसल में भी किसान मायूस हो जाते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं हरे मिर्च की खेती की. जिसमें कुछ बड़े खतरनाक रोग लगते हैं. आइए जानते हैं इसकी पहचान और बचाव का तरीका.

मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के HOD प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि वो लगभग 20 सालों से छात्रों को पढ़ाना और रिसर्च से मिली तकनीकियों को किसानों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. हरी मिर्च रोजगार का एक अच्छा साधन है. यह तुरंत मुनाफा देने वाली फसल है.

जड़ सड़न: हरे मिर्च का पौधा जब एक महीने का हो जाता है, तो उसमें जड़ सड़ने की समस्या होती है. इसमें पौधा गिर जाता है. इसके लिए कार्बेंडाजिम यानी फंफूदनाशी दवाओं का इस्तेमाल करें.

पर्ण कुंजन/गुरचहवा रोग: यह एक गंभीर बीमारी है. इसमें पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं. यह फफूंद और विषाणु दोनों के कारण होती है. इसे गुरचहवा रोग भी बोलते हैं. इस स्थिति में कीटनाशी दवाओं का इस्तेमाल करें. अगर पत्तियों में सफेद दाग है तो फफूंदनाशी का प्रयोग करें.

उकठा रोग: यह एक चर्चित रोग है. यह पूरी मिर्च की खेती को बर्बाद कर सकता है. यह रोग बैक्टीरिया और फफूंद दोनों के कारण होता है. इससे बचने के लिए पौधे को उपचारित करके ही बुवाई करें. कीट की शुरुआती दौर में नीमतेल 5 ml को एक लीटर पानी में घोलकर बनाकर छिड़काव करें.

धनिया और मेथी खेत के लिए वरदान है. यह मिर्च की खेती में लगने वाले तमाम विषाणु और जीवाणुओं को भी नियंत्रित कर देता है. इसलिए, मिर्च की खेती में धनिया और मेथी जरूर लगाएं.

Tags: Hindi news, Local18

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment