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Water Shortage In Chitrakoot: चित्रकूट के पाठा क्षेत्र में पानी की भीषण किल्लत है. ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना के बावजूद पानी की सप्लाई नहीं हो रही. लोग आधी रात को इकलौते बोरिंग पर लाइन में लगते हैं.

Water Shortage
हाइलाइट्स
- चित्रकूट पाठा क्षेत्र में पानी की भीषण किल्लत है.
- ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना के बावजूद पानी की सप्लाई नहीं हो रही.
- लोग आधी रात को इकलौते बोरिंग पर लाइन में लगते हैं.
Water Crisis: गर्मी के आते ही बुंदेलखंड के चित्रकूट पाठा क्षेत्र में फिर से पानी का भारी संकट शुरू हो गया है. मानिकपुर तहसील के रामपुर और आसपास के गांवों में हालात इतने खराब हैं कि लोग आधी रात को बाल्टी और डिब्बा लेकर गांव के इकलौते चालू बोरिंग पर लाइन लगाने को मजबूर हैं. पाठा क्षेत्र के इन गांवों में लोग रोजाना इसी सवाल के इर्द-गिर्द अपनी जिंदगी बिता रहे हैं कि आज पानी कहां से मिलेगा.
हर घर नल-हर घर जल योजना बनी मजाक
सरकार ने गांवों में पानी की समस्या हल करने के लिए ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत रामपुर सहित चित्रकूट जिले के कई गांवों में नल लगाए गए, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी. अब स्थिति यह है कि लोग नलों को देखना भी बंद कर चुके हैं, क्योंकि सबको पता चल गया है कि ये सिर्फ दीवार में लगे लोहे के पाइप हैं, जिनसे अब तक एक बूंद भी पानी नहीं निकला है.
गांव में इकलौता बोर सहारा
सत्यनारायण और बच्ची देवी, जो मानिकपुर के रामपुर गांव के रहने वाले हैं, ने लोकल 18 को बताया कि जैसे ही गर्मी शुरू होती है, गांव में पानी की समस्या सबसे बड़ी बन जाती है. गांव में केवल एक बोरिंग है, जिससे पानी आ रहा है और पूरा गांव इसी से पानी भरता है. हालत इतनी खराब है कि लोग रात से ही बाल्टी और डिब्बा लेकर लाइन में लग जाते हैं. कई बार तो आपस में झगड़ा भी हो जाता है.
हैंडपंप भी खराब
उन्होंने बताया कि गांव में कई हैंडपंप लगे हैं, लेकिन अधिकतर से पानी आना बंद हो गया है. जो हैंडपंप चल भी रहे हैं, उनमें इतना गंदा पानी आता है कि न तो पीने लायक है और न ही नहाने के लिए. बच्ची देवी कहती हैं कि हमने कई बार ‘हर घर नल योजना’ के तहत पानी की सप्लाई की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अधिकारी आते हैं, फोटो खिंचवाते हैं और चले जाते हैं. हालात वैसे ही बने हुए हैं.
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