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Ujjain Mahakal Temple: महाकाल थाना पुलिस ने मुंबई से आए एक युवक को गिरफ्तार किया है. यह युवक करीब नौ युवकों के झुंड का हिस्सा था, जो उज्जैन महाकाल मंदिर में भस्म आरती देखने के लिए आए हुए थे.

उज्जैन महाकाल मंदिर (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- उज्जैन महाकाल मंदिर का है मामला.
- आरोपी युवक को किया गया अरेस्ट.
- मुंबई से महकाल मंदिर पहुंचा था आरोपी युवक.
Ujjain News: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती का हिस्सा बनने के लिए शनिवार को भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था. सुरक्षाकर्मी सभी श्रद्धालुओं की जांच कर उन्हें एक-एक कर मंदिर परिसर में भेज रहे थे. तभी अचानक सुरक्षाकर्मियों की निगाह मंदिर परिसर में दाखिल हुए युवकों के एक समूह पर पड़ी. इस समूह में करीब नौ से दस युवक रहे होंगे. इस युवकों की हरकत देखने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने पहले ही इन पर अपनी नजर गहरी कर ली थी.
त्रिनेत्र गेट के पास इन युवकों की भी सुरक्षा जांच शुरू हुई. जांच के बीच सुरक्षाकर्मी को इनके कब्जे से कुछ ऐसा मिला, जिस पर लिखे शब्द जैसे-जैसे आंखों के सामने से निकल रहे थे, सुरक्षाकर्मी की आंखे छोटी और माथे बल बढ़ते जा रहे थे. अचानक सुरक्षाकर्मियों ने आसपास मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों को कुछ इशारा किया. इशारा पाते ही अन्य सुरक्षा कर्मी इन युवकों की तरफ दौड़ पड़े और उन्हें धर दबोचा. इसी बीच, मंदिर परिसर में तैनात महाकाल थाना पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई.
महाराष्ट्र से आया था आरोपी युवक
सभी युवकों को पकड़कर महाकाल पुलिस स्टेशन लाया गया. पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4) के तहत केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. दरअसल, यह पूरा मामला फर्जी अनुमति पत्र की मदद से मंदिर परिसर में दाखिल होने से जुड़ा हुआ है. जांच में पता चला कि मुंबई (महाराष्ट्र) में रहने वाला रौनक परमार नामक युवक अपने नौ दोस्तों के साथ महाकाल मंदिर आया था. भस्म आरती में शामिल होने के लिए उसके बाकी दोस्तों ने वैध अनुमति-पत्र हासिल किया था.
लेकिन, जब रौनक का अनुमति-पत्र सुरक्षाकर्मी के हाथ में आया तो उसे समझते देर नहीं लगी कि यह अनुमति-पत्र फर्जी है. पूछताछ में रौनक ने पुलिस को बताया कि उसने एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से अपने एक दोस्त के अनुमति पत्र में एडटिंग कर अपना नाम और फोटो बदल दिया था. वह फर्जी अनुमति-पत्र की मदद से मंदिर में दाखिल होता, इससे पहले सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया. उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में फर्जी अनुमति-पत्र के बिना दाखिल होने का यह कोई इकलौता मामला नहीं है.
पहले भी हो चुकी है इसी तरह की कोशिश
इससे पहले, नोएडा के एक दंपति को इसी तरह फर्जी अनुमति-पत्र की मदद से मंदिर परिसर में घुसने के आरोप में पकड़ा गया था. दोनों आरोपियों की पहचान मुकुल भाटी और चीनू भाटी के तौर पर हुई थी. दोनों आरोपियों ने किसी अन्य श्रद्धालु के अनुमति पत्र को एडिट कर अपना फोटो चिपका दिया था. लेकिन, सुरक्षा जांच के दौरान इन दोनों की पोल भी खुल गई थी. वहीं, फर्जी अनुमति-पत्र के जरिए मंदिर परिसर में घुसने की लगातार कोशिशों को देखने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया है.
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