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बच्चा जब 1 साल से छोटा हो तो कई पैरेंट्स उसे तरह-तरह की चीजें खाने को देते हैं ताकि बच्चा हर चीज के टेस्ट को पहचान पाए. लेकिन शिशु के साथ एक्सपेरिमेंट नहीं किया जा सकता. इससे उसकी जान को भी खतरा हो सकता है. छोट…और पढ़ें

1 साल के बच्चे के लिए मिल्क शेक बीमारी का घर है (Image-Canva)
Don’t give milkshake to infants: गर्मी के मौसम में अक्सर लोग अपने घर में मैंगो शेक बनाते हैं. यही नहीं कुछ लोग बनाना शेक, बादाम शेक या स्ट्रॉबेरी शेक भी पीते हैं. ऐसे में अगर घर पर छोटा बच्चा हो तो पैरेंट्स उसे भी मिल्कशेक टेस्ट कराते हैं. लेकिन अगर बच्चा 1 साल से छोटा है तो ऐसा करना भारी पड़ सकता है. उन्हें मिल्कशेक भूलकर भी नहीं पिलाना चाहिए.
मिल्कशेक में नहीं होते पोषक तत्व
दिल्ली के सीके बिड़ला हॉस्पिटल में नियोनेटोलॉजी एंड पीडीऐट्रिक्स विभाग की डायरेक्टर डॉ. पूनम सिदाना कहती हैं कि 1 साल से छोटे बच्चे को किसी भी तरह का मिल्कशेक पिलाना ठीक नहीं है. उसमें शुगर के साथ-साथ कई तरह के सिरप और प्रिजर्वेटिव या क्रीम होती हैं. इससे बच्चे की सेहत को नुकसान होता है. दरअसल मिल्कशेक बच्चे के खाने को रिप्लेस कर देता है और उसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व नहीं मिलते. वहीं अगर बच्चे को पहले ही इस तरह चीज खिलानी शुरू कर दी तो वह हेल्दी खाने से बचने लगेगा.
डेंटल प्रॉब्लम की वजह
शिशु के दांत 6 महीने के बाद निकलने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में अगर उसे मिल्कशेक दिया जाए तो डेंटल प्रॉब्लम शुरू हो सकती हैं. दरअसल ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क में 100ml में 7 ग्राम चीनी होती है लेकिन मिल्कशेक में इसकी मात्रा हद से ज्यादा होती है जिससे बच्चे के दांत सड़ सकते हैं.
डायरिया हो सकता है
मिल्कशेक बच्चे के लिए हेल्दी ड्रिंक नहीं है क्योंकि इसमें ना विटामिन हैं और ना इलेक्ट्रोलाइट. इसे पीने से बच्चे का डाइजेस्टिव सिस्टम बिगड़ सकता है. बच्चे को डायरिया तक हो सकता है. ऐसे में बच्चे को अस्पताल तक ले जाना पड़ सकता है. कई बार बच्चे को इस ड्रिंक को पीने से एलर्जी भी हो सकती है. 1 साल से छोटे बच्चे को भूलकर भी कभी चीनी या नमक की चीजें नहीं देनी चाहिए.
12 महीने तक के बच्चे को क्या खिलाएं
बच्चे के पोषण और विकास के लिए ब्रेस्ट मिल्क सबसे बेस्ट है. इससे बच्चे की इम्यूनिटी भी बनती है. लेकिन 6 महीने के बाद बच्चे को दाल का पानी, पानी या दही दी जा सकती है. शिशु को मिल्कशेक की जगह केला, आम जैसे फल अच्छे से मैश करके दही के साथ दिए जा सकते हैं. दही भी फ्लेवर्ड नहीं फीकी होनी चाहिए. दलिया, चावल या दाल में भी नमक नहीं होना चाहिए. कुछ लोग बच्चों को जूस पिलाने की गलती करते हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
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