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Bareilly Latest News: यूपी के बरेली में पुलिस ने 10 ऐसे युवकों को पकड़ा है जो कभी छोटे-छोटे अपराधों में जेल गए थे. लेकिन जेल से बाहर निकले के बाद वह इतने खूंखार लुटेरे बन जाएंगे किसी ने सोचा नहीं था.

10 शातिर चोर गिरफ्तार.
रिपोर्ट: रामविलास सक्सेना
बरेली. उत्तर प्रदेश की बरेली पुलिस ने दो ऐसे अलग-अलग लुटेरे गैंग का खुलासा किया है जो मामूली से अपराधों में कभी जेल गए थे. लेकिन जेल में रहते हुए अपराधियों से मिलकर बड़े-बड़े गैंग बना लिए. जेल से बाहर आकर दोनों गैंग खूंखार तरीके से अपने-अपने अंदाज में चोरी लूट और डकैती की वारदातों को अंजाम देने लगे. जिसमें पुलिस ने दोनों गैंग के एक नाबालिग सहित 10 लुटेरों को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. इनके पास से पुलिस ने बड़ी तादाद में चोरी की गई और लूटी गई नकदी और सामान के साथ-साथ तीन मोटरसाइकिल भी बरामद की हैं. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार लुटेरों से पूछताछ में जुटी है कि उन्होंने और कहां-कहां चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम दिया है?
यह दोनों गैंग शातिर होने के साथ-साथ बेहद खूंखार भी हो चुकी हैं. इन दोनों गिरोह में 5-5 बेहद खूंखार चोर और लुटेरे शामिल हैं. इसमें एक गिरोह का सरगना संदीप हजारी है, तो दूसरे गिरोह का सरगना अवनीश है. इन दोनों गिरोह के लिए रेकी का काम करने वाला एक नाबालिग लड़का भी शामिल है और उस नाबालिग का भी बड़ा आपराधिक इतिहास है जिस पर चार गंभीर धाराओं के मुकदमे दर्ज हैं.
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दरअसल, दोनों गिरोह के सरगना अपराध के दंगल में कूदने से पहले मारपीट जैसे छोटे-छोटे मुकदमों में जेल गए हुए थे. जहां दोनों की पहले से जेल में बंद अभिषेक, विपिन मौर्य,देबू उर्फ देवांश, देव उर्फ पहाड़ी से हुई. जेल की एक ही बैरक में रहने के दौरान सभी की दोस्ती हो गई. कुछ दिनों बाद एक-एक कर सभी की जमानत हो गई. लेकिन जेल से बाहर आने के बाद संदीप और अवनीश ने अपने-अपने गिरोह तैयार कर लिए, जो चोरी लूट और डकैती जैसी बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम देने लगे. जिसमें पुलिस ने मुखबिर और सर्विलांस की मदद से दोनों गिरोह के एक नाबालिग अपराधी सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया,
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से बड़ी तादाद में सोने और चांदी के जेवरात के साथ-साथ अवैध हथियार कारतूस और चोरी की तीन मोटरसाइकिल भी बरामद की हैं. एसपी सिटी मनुष पारीक की माने तो जेल में इन अपराधियों ने दोस्ती की और जेल से बाहर निकालने के बाद बड़े अपराधी बन गए.
भले ही पुलिस ने दोनों गिरोह के 10 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हो लेकिन आईपीएस अधिकारी ने जेलों के रहन-सहन पर सवालिया निशान जरूर खड़ा कर दिया है? अगर समय रहते जेल में बंद कैदियों की ग्रुपिंग न तोड़ी गई और अगर जेल में कैदियों की निगरानी ना बढ़ाई गई तो जेल से निकलने के बाद अपराधियों में सुधार की बजाय बड़े-बड़े गैंग बनते देर नहीं लगेगी, जो भविष्य में पुलिस और समाज दोनों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो जाएंगे. तो अब देखना यह है की क्या पुलिस और जेल प्रशासन मिलकर जेल में बंद अपराधियों की ग्रुपिंग तोड़ पाते हैं या फिर जेल से बाहर निकलने के बाद अपराधी इसी तरह अपने मंसूबे में कामयाब होते रहेंगे.
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