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10 Rupee Supplement slash Heart Death Risk: ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि आसानी से मिलने वाली एक सस्ती सप्लीमेंट से डायबिटीज मरीजों में हार्ट फेल्योर के कारण होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है…और पढ़ें

डायबिटीज मरीजों में हार्ट फेल्योर को कैसे रोके.
हाइलाइट्स
- 10 रुपये की दवा से हार्ट फेल्योर का खतरा कम हुआ.
- माइटोक्विनोन दवा से डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा कम हुआ.
- दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया.
10 Rupee Supplement slash Heart Death Risk: एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि एक बेहद सस्ती दवा डायबिटीज मरीजों में हार्ट फेल्योर या हार्ट अटैक के जोखिम पर ब्रेक लगा सकता है. हाई शुगर वाले मरीजों में हमेशा हार्ट अटैक का खतरा रहता है. अध्ययन में पाया गया है कि जिन मरीजों को सस्ती दवा माइटोक्विनोन दिया गया उनमें हार्ट अटैक का खतरा दवा न लेने वालों की तुलना में बहुत कम हो गया. इस दवा की कीमत ब्रिटेन में 90 पेंस है. ब्रिटेन या अमेरिकी देशों में लोग दवा दुकान से खुद ही इस सप्लीमेंट को खरीद लेते हैं. अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों ने कहा कि यह ऐसा परिणाम है जो जीवन बचा सकता है क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज़ वाले मरीजों को हार्ट फेल्योर का खतरा सामान्य व्यक्ति की तुलना में पांच गुना अधिक होता है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में जो सबसे अच्छी बात थी वो ये थी कि जिन डायबिटीज के मरीजों को माइटोक्विनोन दवा दी गई उनमें बीमारी के कारण जो हार्ट को क्षति हुई थी, वह भी ठीक हो गई. यह अपने आप में कमाल की चीज है क्योंकि डायबिटीज मरीजों में हार्ट के मसल्स कमजोर होने लगते हैं. माइटोक्विनोन एक आर्टिफिशियल एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं की रक्षा करता है. यह शरीर में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट कोक्यू 10 का एक परिवर्तित रूप है. अध्ययन के लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ हेनरी प्रॉक्टर ने कहा कि परिणाम उत्साहजनक हैं. उन्होंने कहा कि यदि अध्ययन को और लंबे समय तक चलाया गया होता, तो संभवतः हमें हृदय स्वास्थ्य के अधिक गंभीर संकेतकों में भी माइटोक्विनोन समूह और बिना माइटोक्विनोन समूह के बीच अंतर दिखाई देता. हालांकि हमें उम्मीद है कि एक बड़ा अध्ययन इस एंटीऑक्सीडेंट के लाभों पर होता रहेगा. इससे एक दिन डायबिटीज़ के मरीजों को हार्ट फेल्योर से पहले ही बचाव किया जा सकेगा.
हार्ट की कार्यक्षमता में सुधार हुआ
अध्ययन के परिणाम को मैनचेस्टर में ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए. अध्ययन में शामिल आधे मरीजों को उनके सामान्य डायबिटीज़ उपचार के साथ प्रतिदिन 40 मिलीग्राम माइटोक्विनोन दिया गया जबकि बाकी को केवल उनकी सामान्य दवाएं दी गईं. दोनों समूहों के हार्ट संबंधी हेल्थ का अध्ययन किया गया और चार महीने बाद फिर से मूल्यांकन किया गया. परीक्षण के अंत में माइटोक्विनोन लेने वाले समूह के हृदय की कार्यक्षमता अध्ययन की शुरुआत की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक पाई गई. माइटोक्विनोन समूह में एक्सरसाइज परीक्षणों में भी सुधार देखा गया. उनके हार्ट एक्सरसाइज के बाद आसानी से आराम की मुद्रा में आ जाता था. शोधकर्ताओं ने कहा किदवा लेने के बाद डायबिटीज़ के कारण हृदय में हुआ तनाव और जकड़न कम हो गया था. डायबिटीज़ हृदय को इस तरह से नुकसान पहुंचाती है कि हार्ट एनर्जी को संशोधित करने में कमजोर होने लगता है. समय के साथ यह बाधा हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं को तनाव और क्षति को बढ़ा देती है जिससे हार्ट के मसल्स कठोर हो जाते हैं. इस स्थिति में रक्त को पूरे शरीर में पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे अचानक हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है.
माइटोक्विनोन इन कोशिकाओं को इस क्षति से बचाने में मदद करता है. यह पदार्थ ऑनलाइन एक स्वास्थ्य सप्लीमेंट के रूप में बेचा जाता है, जिसकी 60 गोलियों की एक बोतल लगभग 50 पौंड में मिलती है. यानी प्रति टैबलेट लगभग 86 पैंस पड़ती है. हालांकि ये खुराकें अध्ययन में इस्तेमाल की गई खुराक से काफी कम होती हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि माइटोक्विनोन लेने वाले समूह में किसी भी तरह के दुष्प्रभाव की कोई रिपोर्ट नहीं आई. वैज्ञानिक अब एक बड़ा परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं जिसमें अधिक मरीज शामिल होंगे ताकि उनके निष्कर्षों को और मजबूती मिल सके. यदि भविष्य के अध्ययन इन परिणामों पर खरा उतरता है तो विशेषज्ञों को उम्मीद है कि डायबिटीज़ के मरीजों को एक दिन माइटोक्विनोन दिया जा सकेगा ताकि उनके हृदय को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके.
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