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Prayagraj News: सीतापुर जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता आजम खान से जुड़े डूंगरपुर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट बुधवार को फैसला सुनाएगी.आजम खान ने इस मामले में निचली अदलात द्वारा सुनाई गई 10 साल की सजा को चुनौती द…और पढ़ें

कोर्ट में क्या हुई बहस?
12 अगस्त 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं. आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह ने दलील दी कि शिकायतकर्ता अबरार ने घटना के तीन साल बाद 2019 में प्राथमिकी दर्ज की, जो संदिग्ध है. उन्होंने कहा कि अबरार ने देरी का कारण आजम खान का कैबिनेट मंत्री के रूप में रसूख बताया, लेकिन 2017 के बाद आजम खान मंत्री नहीं थे, फिर भी प्राथमिकी दो साल बाद दर्ज हुई. वकील ने निचली अदालत के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की. वहीं, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अपील का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत का फैसला कानून के अनुरूप है. उन्होंने जोर दिया कि अभियोजन पक्ष ने अपने आरोपों को मजबूती से साबित किया है और आजम खान का आपराधिक इतिहास भी इस मामले में विचारणीय है.
डूंगरपुर प्रकरण का पृष्ठभूमि
फैसले का इंतजार
आजम खान वर्तमान में जेल में हैं और इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला उनके लिए महत्वपूर्ण है. जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ द्वारा आज दोपहर 2 बजे सुनाए जाने वाले फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं. यह फैसला न केवल आजम खान और बरकत अली की अपील पर असर डालेगा, बल्कि डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े अन्य मामलों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है.
Principal Correspondent, Lucknow
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