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Agency:News18 Uttar Pradesh
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Mahila Naga Sadhvi:वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर महिला नागा साध्वी सरला पूरी ने अपना टेंट लगाया है.सरला ने बताया कि वो महाराज बसंत पूरी की शिष्या है और मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली है.
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अनोखी महिला नागा साध्वी
हाइलाइट्स
- महिला नागा साध्वी सरला पूरी काशी में 11 किलो गदा के साथ चर्चा में
- सरला पूरी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए गदा उठाई है
- काशी के हरिश्चंद्र घाट पर सरला पूरी ने अपना टेंट लगाया है
वाराणसी: महाकुंभ का तीन शाही स्नान पूरा हो गया है और अब चौथे स्नान के तैयारियां जोरों पर है. इस बीच नागा साधुओं की टोली प्रयागराज के बाद अब काशी में जमावड़ा लगाने लगे हैं. शैव संप्रदाय से जुड़े नागाओं की भीड़ काशी के घाटों पर दिखने लगी है. इस भीड़ के बीच हाथ में गदा लिए घूम रही महिला नागा साध्वी आकर्षण का केन्द्र बनी है.
जूना अखाड़े से जुड़ी महिला नागा साध्वी सरला पूरी ने रामभक्त हनुमान की तरह हाथ में गदा थाम रखा है. पूरे दिन यह इस भारी भरकम गदा को अपने कंधे पर लिए रहती है. बताया जा रहा है इस गदा का वजन 11 किलो है. Local 18 से बातचीत में सरला पूरी ने बताया कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने हाथ में गदा उठा रखा है. पूरी के मुताबिक ये खास गदा उन विधर्मियों के लिए है जो सनातन धर्म को बदनाम करते है या उसे नुकसान पहुंचाते हैं.
अब आई है काशी
वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर महिला नागा साध्वी सरला पूरी ने अपना टेंट लगाया है. सरला ने बताया कि वो महाराज बसंत पूरी की शिष्या है और मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली है. फिलहाल सरला पूरी प्रयागराज में 1 महीने प्रवास के बाद अब काशी में आई हैं. काशी के घाटों पर इनके अनोखे अंदाज को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी लग रही है.
इसलिए काशी आते है नागा साधु
संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि शैव सम्प्रदाय के आराध्य देवाधिदेव महादेव है और काशी उनकी प्रिय नगरी है जहां खुद बाबा विश्वानाथ विराजमान है. ऐसे में उनके पूजा आराधना के बिना महाकुंभ का शाही स्नान शैव सम्प्रदाय के नागा सन्यासियों के लिए अधूरा माना जाता है. इसलिए अंतिम महाशिवरात्रि का अमृत स्नान नागा साधु काशी में करते हैं और फिर वो हिमालय और उत्तराखंड का रुख कर अदृश्य हो जाते हैं.
Varanasi,Uttar Pradesh
February 10, 2025, 08:15 IST
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