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Son Killed Father: लखनऊ में एक बेटे ने 11 साल पहले अपनी मां को मारे गए थप्पड़ का पिता से ऐसा बदला लिया, जिसे जान आप हैरान रह जाएंगे. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

कहानी शुरू होती है लखनऊ के कल्याणपुर में साल 2015 से, जब अनूप उर्फ सोनू कश्यप महज 11 साल का था. उसकी आंखों के सामने उसके पिता मनोज कुमार ने सोनू की मां को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारा और उनकी बेइज्जती की. इतना ही नहीं, मनोज ने उनकी मां को शारीरिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि उनकी मां की याददाश्त चली गई और उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ने लगे. लेकिन सोनू उस अपमान को कभी भूल नहीं पाया.
सोनू की उम्र के साथ, उसका गुस्सा भी बढ़ता गया. उसे एक डिलीवरी ब्वॉय की जॉब मिल गई. लेकिन वह सालों तक वह उस पल को याद करता रहा, जब उसकी मां को सबके सामने अपमानित किया गया था. फिर एक दिन हाल ही में उसकी नजर मुंशीपुलिया क्रॉसिंग पर पड़ी, जहां मनोज नारियल पानी बेच रहा था. यह देखते ही सोनू के दिल में बदले की आग फिर से भड़क उठी. उसने अपने दोस्तों सनी कश्यप, सलमान, रंजीत कुमार और रहमत अली को अपनी आपबीती सुनाई और कहा, ‘उसने मेरी मां को मारा था. मैं उसे जिंदा नहीं छोडूंगा.’
रॉड से पीटकर पिता की हत्या
22 मई की दोपहर को सोनू और उसके दोस्तों ने मनोज पर हमले की योजना बनाई. वे जानते थे कि मनोज हर दिन काम से लौटते किस गली से गुजरता है. सोनू ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनोज का इंतजार किया. जैसे ही मनोज वहां से गुजरा सोनू ने लोहे की रॉड से उस पर पहला वार किया. फिर बाकी लोग भी उस पर टूट पड़े. लोहे की रॉड और डंडों से मनोज को तब तक पीटा गया जब तक वह जमीन पर गिरकर बेहोश नहीं हो गया. हमलावरों को लगा कि मनोज मर चुका है और वे वहां से भाग निकले.
पुलिस के हाथ लगा छोटा सा सुराग और…
पुलिस के लिए यह केस एक पहेली बन गया था. लगभग दो महीने तक कोई सुराग नहीं मिला. लेकिन फिर एक अनोखा सुराग पुलिस के हाथ लगा एक नारंगी रंग की टी-शर्ट, जिस पर कार्टून किरदार सिम्पसन्स की तस्वीर थी. इस टी-शर्ट पर सिम्पसन्स के सिर पर एक खास कट का निशान था. यह टी-शर्ट अपराध के दिन सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दी थी. संयोग से हाल ही में एक युवक ने सोशल मीडिया पर उसी टी-शर्ट में अपनी तस्वीर डाली थी. इंदिरा नगर पुलिस की एक विशेष टीम जो सोशल मीडिया पर नजर रख रही थी ने इस सुराग को पकड़ा. उन्होंने उस युवक का पता लगाया और डिलीवरी कर्मचारियों के भेष में उसके घर पहुंच गए. पूछताछ के दौरान उस युवक ने अपराध कबूल कर लिया और उसकी बातों से बाकी आरोपियों तक पहुंचने का रास्ता खुल गया. 20 जुलाई को पुलिस ने सोनू और उसके चार साथियों को गिरफ्तार कर लिया. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ईस्ट) शशांक सिंह ने बताया कि यह एक सुनियोजित हत्या थी जिसकी जड़ में दस साल पुरानी दुश्मनी थी.
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