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नई दिल्ली: 18 साल की उम्र में वनडे और टी-20 डेब्यू कर चुके वाशिंगटन सुंदर को पहला टेस्ट मैच 2021 में मिला. जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सारे दिग्गज इंजर्ड हो गए थे तब ब्रिस्बेन के गाबा में उन्होंने 22 साल की उम्र में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. मगर इसके बाद से उन्हें इस फॉर्मेट में बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले.

भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि वाशिंगटन सुंदर में भारत का अगला अदद टेस्ट ऑलराउंडर बनने की क्षमता है. शास्त्री ने सुंदर को घरेलू परिस्थितियों में अच्छा गेंदबाज के साथ-साथ नैसर्गिक रूप से प्रतिभाशाली बल्लेबाज बताया है.

मुझे शुरू से ही वाशिंगटन का खेल पसंद रहा है. जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मैंने कहा था कि वह कमाल का खिलाड़ी है और उसमें कई साल तक भारत का अदद ऑलराउंडर बनने की क्षमता है.

रवि शास्त्री का मानना है कि वाशिंगटन को विशेषकर भारत की टर्निंग पिचों पर लाल गेंद से अधिक मैच खेलने चाहिए थे. उन्होंने कहा:

वह अभी सिर्फ 25 साल का है. मुझे लगता है कि उसे और ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहिए था. भारत में जहां गेंद टर्न ले रही हो, वहां वह घातक साबित हो सकता है, जैसा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ उसने प्रदर्शन किया था. उसने कुछ सीनियर स्पिनरों से बेहतर प्रदर्शन किया था और इसके साथ ही वह अच्छा बल्लेबाज भी है.

वाशिंगटन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2024 की घरेलू टेस्ट श्रृंखला में चार पारियों में 16 विकेट लिए थे. शास्त्री ने उनकी बल्लेबाजी क्षमता की भी तारीफ की और कहा कि उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भी भेजा जा सकता है. शास्त्री ने कहा:

वह नैसिर्गिक रूप से प्रतिभाशाली बल्लेबाज है. वह बल्लेबाजी क्रम में आठवें नंबर का बल्लेबाज नहीं है. वह बहुत जल्दी छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आ सकता है. एक बार जब वह आत्मविश्वास हासिल कर लेगा तो मुझे लगता है कि उसके खेल में और निखार आ जाएगा. उसने विदेश में भी अपनी लय बरकरार रखी है. वह फिट खिलाड़ी है और वह वह लंबे स्पैल भी करता है और जरूरत पड़ने पर नियंत्रण भी बनाए रख सकता है.

वाशिंगटन सुंदर लॉर्ड्स टेस्ट मैच की पहली पारी में एक भी विकेट नहीं ले पाए तो दूसरी पारी में उन्होंने चार शिकार किए.

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