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2 दिग्गजों का करियर खा गया ऑस्ट्रेलिया दौरा! तीसरे पर चयनकर्ताओं की टेढ़ी नजर, बदलने वाली है टीम की सूरत

नई दिल्ली. भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा कई क्रिकेटरों के लिए हाहाकारी साबित हुआ है. रविचंद्रन अश्विन का करियर तो बीच सीरीज में ही थम गया और उन्हें संन्यास का ऐलान करना पड़ा. कप्तान रोहित शर्मा भी आखिरी टेस्ट नहीं खेले और अब यह निश्चित नहीं है कि आगे खेलेंगे या भी नहीं. विराट कोहली और रवींद्र जडेजा का भी यह आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा माना जा रहा है. पूरी संभावना है कि भारतीय टीम जब जून में टेस्ट मैच खेलेगी तो उसकी सूरत काफी बदली हुई नजर आएगी.

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया जाकर सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नहीं गंवाई, बल्कि उसके कई क्रिकेटरों का करियर भी दांव में लग गया है. रविचंद्रन अश्विन की बात अब पुरानी पड़ चुकी है कि कैसे उन्होंने नम आंखों से बीच सीरीज में क्रिकेट को अलविदा कह दिया. इससे बड़ी स्टोरी तो रोहित शर्मा की है. महज छह महीने पहले भारत को टी20 चैंपियन बनाने वाले इस कप्तान पर इतना दबाव पड़ा कि वह खुद ही सिडनी टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गया.

रोहित शर्मा जब सिडनी टेस्ट से हटे तो उनके आगे खेलने की सूरत खत्म नहीं हुई थी. भारत अगर सिडनी टेस्ट मैच जीत लेता तो उसके वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल खेलने की उम्मीद जिंदा रहती. भारत सिडनी में हार गया और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस से भी बाहर हो गया. अब भारत को अगला टेस्ट 20 जून से इंग्लैंड में खेलना है. तब तक रोहित शर्मा 38 साल की उम्र पार कर चुके होंगे. ऐसे में अगर चयनकर्ता रोहित की जगह किसी और को टीम की कमान सौंप दें तो हैरान नहीं होइएगा. और हां, अगर ऐसा हुआ तो रोहित की प्लेइंग इलेवन में भी मुश्किल से ही जगह बनेगी. रोहित ऐसी किसी अवस्था से बचने के लिए टेस्ट क्रिकेट को अलविदा भी कह सकते हैं.

विराट कोहली के लिए भी ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहद खराब साबित हुआ. वे 5 मैचों में सिर्फ 190 रन बना सके. इनमें से 100 रन भी पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में आए थे. यानी बाकी पारियों में विराट सिर्फ 90 रन बना सके. उनके इस खेल पर इरफान पठान ने कहा कि उन्हें पिछले 4-5 साल से जितने मौके मिले हैं, उसमें कोई युवा भी इतना अच्छा या इससे भी अच्छा खेल सकता है. सुनील गावस्कर ने कहा कि जो खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में परफॉर्म नहीं कर पाए, उन्हें रणजी ट्रॉफी में जाकर फॉर्म तलाशनी चाहिए. अगर ऐसे खिलाड़ी रणजी में नहीं खेलते तो कोच गौतम गंभीर को उन्हें टेस्ट टीम में नहीं लेना चाहिए.

जाहिर है, गावस्कर की सारी बातें विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के लिए हैं. रोहित के मुकाबले विराट ना सिर्फ फिट हैं, बल्कि उनकी उम्र भी कम है. ऐसे में विराट के करियर पर उतना गंभीर खतरा नहीं दिखता जितना रोहित के. लेकिन इतना तय है कि चयनकर्ता उनसे भी बात कर सकते हैं. अगर विराट फॉर्म में वापसी नहीं करते हैं तो कोच गौतम गंभीर को उन्हें टीम से बाहर करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी. विराट को यदि अपना करियर बचाना है तो रन बनाने होंगे.

Tags: India vs Australia, R ashwin, Rohit sharma, Virat Kohli

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