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Success Story : यह कहानी है मुरादाबाद के एक टीचर परिवार में जन्में कारोबारी अनमोल रत्न की. उन्होंने 1984 में चंदौसी के एसएम कॉलेज से मास्टर ऑफ कॉमर्स पूरा करने के बाद अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया. प्रोफ…और पढ़ें

मुरादाबाद के कारोबारी अनमोल रत्न का कारोबार 150 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है…
मुरादाबाद. यह कहानी है मुरादाबाद के एक टीचर परिवार से संबंध रखने वाले कारोबारी अनमोल रत्न की. उन्होंने 1984 में चंदौसी के एसएम कॉलेज से मास्टर ऑफ कॉमर्स पूरा किया. फिर अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया. अनमोल के पिता स्वर्गीय केशव प्रसाद वार्ष्णेय बहजोई इंटर कॉलेज में प्रोफेसर थे. अनमोल ने उनसे जब व्यापार करने की इच्छा जताई तो उन्होंने सपोर्ट नहीं किया. पिता चाहते थे कि बेटा नौकरी करे. अनमोल नहीं माने. उन्हें अपनी मेहनत पर भरोसा था. 1987 में वह अलीगढ़ आ गए और 20 हजार रुपये से अपना कारोबार शुरू किया. उन्होंने गुप्ता प्लास्टिक नाम से ट्रेडिंग कंपनी शुरू की. अनमोल ने अपनी मेहनत और लगन से कारोबार को आगे बढ़ाया. 38 साल तक लंबे संघर्ष और समर्पण के बाद उन्होंने अपने कारोबार को आज 150 करोड़ रुपये तक पहुंचाया है. उनकी कंपनी पीवीसी पाइप बनाती है. ये पीवीसी पाइप एनसीआर सहित देश के सात राज्यों में सप्लाई होते हैं.
अनमोल के लिए 150 करोड़ रुपये के कारोबार का सफर इतना आसान नहीं था. 1966 में जन्मे अनमोल की प्रारंभिक शिक्षा बहजोई में ही हुई. उनके पिता चाहते थे कि वह अच्छी नौकरी करें लेकिन अनमोल खुद का कारोबार शुरू करना चाहते थे. उन्होंने पीवीसी पाइप के धंधे में हाथ आजमाने की सोची. 1984 में देश में तीन या चार कंपनियां ही पीवीसी पाइप बनाती थीं. उन्होंने अपनी ट्रेडिंग कंपनी बनाई और बीस साल तक अपने कारोबार को फैलाने में हाड़तोड़ मेहनत करते रहे. कई बड़ी कंपनियों को विजिट किया. 1999 में अपनी खुद की कंपनी बनाने का फैसला लिया.
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2007 में अलीगढ़ के सारसौल में कोनार्क पॉलीट्यूब प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी की शुरुआत की. 2015 में एक पचपेड़ा बरौठ रोड पर एक बड़ी यूनिट लगाई. अनमोल की मेहनत रंग लाई. आज उनका कारोबार देश के कई राज्यों में फैला हुआ है. बिहार, राजस्थान, एमपी, यूपी, दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में उनकी कंपनी से बने पाइप सप्लाई होते हैं.
अनमोल ने बताया कि 1984 में पीवीसी पाइप का कांसेप्ट बहुत ही नया था. लोग प्लास्टिक का पाइप लगाने में डरते थे. उन्हें मजबूती पर संदेह रहता था. सोचते थे कि कहीं टूट न जाए. बाद में प्लास्टिक पाइप की स्वीकार्यता बढ़ी. सही समय पर बाजार में एंट्री लेने का फायदा मिला. कारोबार तेजी से बढ़ा. अनमोल का पूरा परिवार कारोबार को आगे बढ़ाने में जुटा है. पत्नी कुमुद बेटा- मोहित वार्ष्णेय-बहू खुशबू वार्ष्णेय, बेटी डॉ. आस्था वार्ष्णेय सभी कारोबार में जुटे हैं. अनमोल की प्लानिंग देश के अन्य हिस्सों में भी कारोबार को फैलाने की है.
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