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मुंबई : बॉलीवुड में कई गाने हैं जो सिर्फ सुनने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए होते हैं. ये गाने किसी फिल्म के हिस्से से कहीं ज्यादा, लोगों की यादों और भावनाओं से जुड़ जाते हैं. ऐसा ही एक गाना है – ‘दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है’, जिसे आज भी बेटियों की विदाई और शादी के माहौल में बड़े सम्मान और इमोशन के साथ बजाया जाता है. इस गाने को सुन आज भी हर मां की आंखे नम हो जाती हैं. लेकिन इस गाने के पीछे एक ऐसी सच्ची घटना छुपी है, जिसने इसकी गहराई को और भी ज्यादा बढ़ा दिया.
गाने को अपनी आवाज देने वाले महान सूफी गायक नुसरत फतेह अली खान इस कदर भावुक हो गए थे कि रिकॉर्डिंग के दौरान रोने लगे. ये कोई आम इमोशनल पल नहीं था. गीत की एक लाइन – “मैं तेरे बाहों के झूले में पली बाबुल…”, हर बार उन्हें इतनी गहराई से छू जाती थी कि वो गाना पूरा नहीं गा पा रहे थे. सिंगर और गीतकार समीर के अनुसार, नुसरत साहब इस लाइन को गाते वक्त बार-बार रुक जाते थे. उन्हें इस गाने को रिकॉर्ड करने में करीब डेढ़ घंटे लग गए और ये तीसरी बार में जाकर रिकॉर्ड पूरा हो पाया.

150 टेक में शूट हुआ ये सुपरहिट सॉन्ग

इस गाने की रिकॉर्डिंग जितनी इमोश्नल रही, इसकी शूटिंग भी उतनी ही चैलेंजिंग थी. निर्देशक को गाने के हर फ्रेम में असली इमोशन दिखाने थे. अक्षय कुमार, शिल्पा शेट्टी और सुनील शेट्टी जैसे सितारे जब इस गाने में शामिल हुए तो बार-बार रीटेक लेने पड़े. कुल मिलाकर इस गाने को फिल्माने में 150 टेक लगे. वजह साफ थी – ये सिर्फ एक गाना नहीं, एक भावनात्मक यात्रा थी जिसे परदे पर उसी ईमानदारी के साथ दिखाना जरूरी था.

रिलीज से जुड़े अनसुने किस्से

साल 2000 में रिलीज हुई ‘धड़कन’ सिर्फ एक रोमांटिक ड्रामा नहीं थी, बल्कि इसके साथ कई दिलचस्प और अनकहे किस्से भी जुड़े हैं.

फिल्म के लीड रोल्स के लिए पहले कई स्टार्स का नाम सामने आया था. अक्षय कुमार और शिल्पा शेट्टी को फाइनल करने से पहले कई ऑडिशन हुए.

‘देव’ के किरदार के लिए अरबाज खान और बॉबी देओल को अप्रोच किया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. आखिरकार ये किरदार सुनील शेट्टी को मिला.

खास बात ये रही कि ‘धड़कन’ 11 अगस्त को रिलीज हुई, जो संयोग से सुनील शेट्टी का 39वां जन्मदिन था.

इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट विलेन का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला.

आज भी रुला देता है ये गाना

शादी की रस्मों के दौरान जब ‘दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है’ बजता है, तो माहौल एकदम भावुक हो जाता है. नुसरत साहब की भावनाओं से भरी आवाज और समीर के लिरिक्स आज भी हर दिल को छू जाते हैं. ये गाना सिर्फ एक म्यूजिकल ट्रैक नहीं, बल्कि एक एवरग्रीन इमोशनल क्लासिक बन चुका है, जो हर बार सुनने पर दिल को छू जाता है.

‘दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है’ एक ऐसा गाना है, जो अपने पीछे दर्द, इमोशन और एक अनोखी कहानी लिए हुए है. इस गाने के पीछे छिपे किस्से ये साबित करते हैं कि जब कला दिल से निकलती है, तो वो सीधे दिल तक पहुंचती है.

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