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Sugarcane Farming Tips : बसंतकालीन गन्ने के खेतों में इन दिनों चोटी भेदक कीट का खतरा मंडरा रहा है. यह कीट गन्ने के ऊपरी हिस्से में घुसकर पत्तियों को खाता है, जिससे पत्तियों पर छर्रे जैसे निशान बन जाते हैं. ऐसे …और पढ़ें

गन्ना
हाइलाइट्स
- गन्ने के खेतों में चोटी भेदक कीट का प्रकोप बढ़ रहा है.
- कीटनाशक का उपयोग कर कीटों का नियंत्रण करें.
- गन्ने की फसल में 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें.
शाहजहांपुर : आमतौर पर बसंतकालीन गन्ने की बुआई फरवरी-मार्च के महीने में की जाती है. जिन किसानों ने गन्ने की बुवाई देरी से की थी, उनके खेतों में अब चोटी भेदक कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. गौरतलब है कि कुछ किसान अप्रैल के अंत तक बसंतकालीन गन्ने की बुआई करते हैं. वैसे तो जून का महीना बसंतकालीन गन्ने के ग्रोथ के लिए बेस्ट माना जाता है लेकिन बढ़ती गर्मी के साथ ही खेतों में चोटी भेदक कीट का खतरा मंडरा रहा है. यह कीट गन्ने के ऊपरी हिस्से पर हमला करता है, जिससे गन्ने की बढ़वार रुक जाती है. समय पर नियंत्रण न किया जाए तो उत्पादन में भी गिरावट आ सकती है.
चोटी भेदक कीट के नियंत्रण के लिए 150 ML कीटनाशक कोरजेन क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5% डब्ल्यू/डब्ल्यू (Chlorantraniliprole 18.5% w/w) को 400 लीटर पानी में घोलकर सूखे खेत में गन्ने के पौधों की जड़ों पर ड्रेंचिंग करें. ऐसा करने के 24 घंटे बाद सिंचाई करें. सिंचाई करने से चोटी भेदक कीट का नियंत्रण हो जाएगा.
समय पर करें सिंचाई
गन्ने की फसल में कीट प्रबंधन के साथ-साथ सिंचाई का भी विशेष ध्यान रखें. 10 से 12 दिनों के अंतराल पर गन्ने की फसल में सिंचाई करते रहें. सिंचाई के साथ खरपतवार नियंत्रण भी करें, क्योंकि बढ़ते हुए खरपतवार से गन्ने की बढ़वार प्रभावित हो सकती है.
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