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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इंद्रप्रस्थ पार्क के करीब से आगरा मूल की तीन युवतियों को गिरफ्तार किया है. तीनों के कारनामों को सुन पुलिस भी हैरान है.

(एआई इमेज)
हाइलाइट्स
- आगरा से रोजाना दिल्ली आती थीं तीनों युवतियां
- दिल्ली के तमाम इलाकों में मंसूबों को देती थीं अंजाम
- पुलिस की पूछताछ में तीनों युवतियों ने किए कई खुलासे
Delhi News: आगरा की तीन महिलाएं और दिल्ली का इंद्रप्रस्थ पार्क: आगरा में रहने वाली तीन महिलाओं की जरूरतें बढ़ी तो उन्होंने एक खास मकसद से अपना रुख दिल्ली की तरफ कर दिया. वह रोजाना आगरा से दिल्ली आतीं और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ पार्क के इर्द-गिर्द अपने मकसद को अंजाम देतीं और शाम तक अपनी जेब गर्म कर वापस आगरा के लिए रवाना हो जाती हैं.
कुछ हीं दिनों में तीनों युवतियां इलाके में इस कदर कुख्यात हो गईं कि उनके कारनामों की गूंज पुलिस के कानों तक पहुंचने लग गई. पार्लियामेंटमेंट स्ट्रीट थाना पुलिस इन तीनों महिलाओं के पीछे लग गई, लेकिन ये तीनों महिलाएं इतनी शातिर थी कि वह तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस से बचने में कामयाब रहीं. आखिर में तीनों को पकड़ने की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई.
लंबी कवायद के बाद क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि तीनों महिलाएं रिंग रोड स्थित इंद्रप्रस्थ पार्क से सरायकाले खां की तरफ जा रही हैं. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके लिए रवाना हो गई औत तीनों महिलाओं को धर दबोचा. तलाशी में तीनों महिलाओं के कब्जे से करीब 15-20 ग्राम की दो सोने की चेन बरामद की गई. इसके बाद, पुलिस टीम तीनों को अरेस्ट कर थाने ले आई.
पूछताछ में तीनों की पहचान रेनू महोर कुल्ली, अराधना, और मनीषा के तौर पर हुई. रेनू आगरा के ईदगाह मोहल्ले की एक झुग्गी में रहती है. उसका पति मजदूरी करता है. इनकी कमाई इतनी कम थी कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो चला था. तीन बच्चों की मां रेनू अनपढ़ थी और उसने पैसे की तंगी की तंगी को दूर करने के लिए यह रास्ता चुना.
वहीं, 30 साल की अराधनाभी उसी मोहल्ले की है. उसका पति एक फैक्ट्री में मजदूर करता है. दोनों की कमाई इतनी कि पेट भरना भी मुश्किल था. अनपढ़ होने की वजह से अराधना को कोई काम नहीं मिला और उसने चोरी को ही कमाई का जरिया बना लिया. वह पांच साल से इस धंधे में है, लेकिन अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ी थी.
इसके अलावा, तीसरी आरोपी मनीषा भी रेनू और अराधना की तरह ही है. उसका पति बेरोजगार है. बच्चों की जिम्मेदारी और खाली जेब ने मनीषा को चोर बनने पर मजबूर कर दिया. चार साल से वह चोरी कर रही थी और उसका नाम पुलिस के रिकॉर्ड में कहीं नहीं था.
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