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तीन वर्ल्ड कप और 43 टेस्ट मैच और 114 वनडे खेलने खेलने वाले एवेन चैटफील्ड की कहानी आपको हैरत में डाल देगी, चैटफील्ड 75 साल की उम्र में वैलिंगटन की सड़कों पर टैक्सी चलाते नजर आते है. अपनी सटीक लाइन लेंथ के लिए …और पढ़ें

3 वर्ल्ड कप और 43 टेस्ट और 114 वनडे खेलने वाला बॉलर कैसे बन गया टैक्सी ड्राइवर

3 वर्ल्ड कप खेलने के बाद क्यों चलानी पड़ी एक गेंदबाज को टैक्सी

हाइलाइट्स

  • एवेन चैटफील्ड 75 की उम्र में टैक्सी चला रहे हैं.
  • चैटफील्ड ने 43 टेस्ट और 114 वनडे खेले हैं.
  • चैटफील्ड ने 1979, 1983, 1987 वर्ल्ड कप में खेला.

नई दिल्ली. क्रिकेट एक बड़े बाजार में तब्दील हो चुका है जहां आज के दौर के क्रिकेटर करोड़ो की बात करते है . आज के दौर में क्रिकेटर के लिए क्रिकेट से जुड़े रहने मात्र से जीविका चलाने का प्रयाप्त साधन मिल जाते है ऐसे में अगर भारत में आपको कोई इंटरनेशनल क्रिकेटर अपना पेट पालने के लिए टैक्सी चलाते दिखे तो क्या आप अपनी आंखों पर यकीन कर पाएंगे.

और तो और फैंस और पुराने क्रिकेटर्स  तरस भी खाएंगे और तमाम एनजीओ आगे आएंगे जब ये पता  उस   ड्राइवर की उम्र 70 साल से ज्यादा है. मीडिया में ऐसी खबरें भी छपेंगी कि देखिए देश का महान खिलाड़ी अब टैक्सी चला कर जीवन बीता रहा है, लेकिन न्यूजीलैंड में ऐसा नहीं है. कुछ साल पहले  न्यूजीलैंड सीरीज कवर करने के दौरान  वेलिंगटन में  हमारी मुलाकात एक ऐसे ही दिग्गज खिलाड़ी से हुई जिसके नाम पर बेसिन रिजर्व का पवेलियन रखा गया है। टेस्ट मैच के पहले दिन ये खिलाड़ी आता है, अपने नाम के पवेलियन का उदघाटन करता है और फिर दो घंटे बाद टैक्सी चलाने के लिए मैदान से बाहर चला जाता है।

बॉलर के ड्राइवर बनने की कहानी 

न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज एवेन चैटफील्ड की कहानी आपकी आंखो को थोड़ा नम कर देगी और थोड़ा परेशान भी. क्योंकि आज के दौर में जहां क्रिकेटर करोड़ों कमा रहे है वहीं  एक तेज गेंदबाज टैक्सी चलाने पर मजबूर हो तो थोड़ी हैरानी भी होती है . चैटफील्ड अपनी जीविका चलाने के लिए  टैक्सी चला रहे है . चैटफील्ड से जब पूछा गया कि उन्होने टैक्सी चलाना ही क्यों चुना तो उन्होने कहा कि  उम्र के इस दौर से गुजर रहा हूं जहां आपको नौकरी नहीं मिलेगी, लेकिन टैक्सी चलाने का फायदा ये है कि मैं या तो पूरे दिन चला सकता हूं या जब मर्जी हुई तब चला सकता हूं. जब मर्जी है, क्रिकेट देख सकता हूं, ये मेरे लिए काफी सहूलियत वाला काम है.

कमाल के गेंदबाज रहे है चैटफील्ड

1979,1983 और 1987 वर्ल्ड में न्यूजीलैंड के लिए खलने वाले चैटफील्ड कमाल के वनडे बॉलर थे. अपनी सटीक लाइन लेंथ से वो बल्लेबाजों को खुलकर शॉट्स नहीं खेलने देते थे. इस गेंदबाज ने 114 वन-डे में 140 विकेट हासिल किए हैं और उनका इकॉनोमी रेट (3.57) खेल के इतिहास में सबसे कामयाब गेंदबाजों में से एक है। 45 साल पहले अपने पहले टेस्ट में चैटफील्ड को बाउंसर ने इस तरीके से घायल किया था कि वो मरते-मरते बचे थे। लेकिन उसके बाद चैटफील्ड ने 43 टेस्ट मैच खेले और 123 विकेट झटके. चैटफील्ड अपने अजीबोगरीब एक्सन के लिए भी काफी मशहूर रहे . चैटफील्ड 1987 वर्ल्ड कप में भारत के मैदान पर अंतिम बार खेले ये वहीं मैच थे जिसमें चेतन शर्मा ने हैट्रिक ली और सुनील गावस्कर ने ताबड़तोड़ शतक लगाया. भारतीय फैंस को चैटफील्ड इस लिए भी याद होंगे क्योंकि उस मैच में सुनील गावस्कर ने चैटफील्ड के एक ओवर में 21 रन ठोंक दिए थे.

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