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Delhi: एम्स की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ.नीरजा भटला को इस बार पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. वे सर्वाइकल कैंसर पर पिछले 30 सालों से काम कर रही हैं. उनका कहना है कि इसे जड़ से खत्म किया जा…और पढ़ें
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डॉ.नीरजा भटला
हाइलाइट्स
- डॉ. नीरजा भटला को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.
- सर्वाइकल कैंसर पर 30 साल से काम कर रही हैं.
- जागरूकता से सर्वाइकल कैंसर को खत्म किया जा सकता है.
दिल्ली. भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा कर दी है जिसमें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ.नीरजा भटला को. डॉ. नीरजा महिलाओं और लड़कियों में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए पिछले 30 सालों से लगातार काम कर रही हैं.
पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे जाने पर लोकल 18 ने डॉक्टर नीरजा भटला से बात की. वे इस समय न्यूयॉर्क सिटी में हैं और इस अवार्ड से नवाजे जाने से बेहद खुश हैं.
साझा की अपनी यात्रा
उन्होंने यहां तक की अपनी यात्रा साझा की जिसमें उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने का सिलसिला शुरू हुआ था लगभग 30 साल पहले जब एम्स में आइआरसीएच के सौजन्य से एक प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी. इसके तहत उनकी पूरी टीम इलाकों और कॉलोनी में जाकर जांच करती थी. इस दौरान टीम ने पाया कि सर्वाइकल कैंसर जो की यूट्रस के नीचे के भाग का कैंसर होता है यह स्त्रियों में पाए जाने वाला नंबर वन कैंसर है.
हालांकि जो पीड़ित महिलाएं हैं वे गांव और कॉलोनी में रहने वाली हैं और वे इस पर बात नहीं करना चाहती. जबकि यह एक ऐसा कैंसर है जिसका बचाव उपलब्ध है. इसके बावजूद इसकी रोकथाम क्यों नहीं हो रही है, इसकी जब गहराई से जांच की गई तो कई जानकारियां सामने आईं जिस पर उन्होंने काम शुरू किया.
जांच को बनाया आसान
डॉ. नीरज भटला ने बताया कि पहले सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए सिर्फ एक ही जांच उपलब्ध थी जिसे पेप स्मीयर टेस्ट कहते हैं जोकि गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच के लिए किया जाता था. लेकिन यह काफी महंगा था और मुश्किल भी. इसमें हर 3 साल में महिलाओं और लड़कियों को उसकी जांच करनी होती थी. ऐसे में इस वक्त उन्हें साथ मिल गया वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के डॉ. शंकर का.
इनके साथ मिलकर सिरके वाली जांच का विकल्प निकाला और इसकी जांच उन्होंने गोविंदपुरी से लेकर गौतमपुरी और दयालपुर जैसे कई गांव में जाकर की और पाया कि इसके रिजल्ट निगेटिव आ रहे थे. ऐसे में इसके बाद सबसे बेहतरीन जांच की शुरुआत हुई वह है सर्वाइकल एचपीवी जांच. यह सस्ती भी है और आसान भी है, इसे दो बार कराना होता है. इसके रिजल्ट भी काफी अच्छे मिले.
जड़ से खत्म कर देंगे सर्वाइकल कैंसर
डॉ. नीरज भटला ने बताया कि अगर किसी को सर्वाइकल कैंसर है तो उसे चिंता करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है. इसमें सिर्फ मरीज को परिवार की जरूरत होती है. अगर परिवार सहयोग करें तो डॉक्टर पूरी तरह से इसकी जांच कर सकते हैं, क्योंकि इस तरह के मामलों में खास तौर पर गांव और पिछड़े इलाकों में उन्होंने देखा था कि महिलाएं इस पर बात नहीं करना चाहती.
जागरूकता लाना जरूरी है
अगर उन्हें समस्या है भी तो इस पर परिवार इसका इलाज नहीं करने देता. यह सब धारणाएं अब खत्म करनी होंगी क्योंकि सर्वाइकल कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए वैक्सीन भी है, जोकि 80 से 90 फीसदी तक बचाव करती है. यह 15 साल तक की लड़कियों को वैक्सीन लगवानी होती है और जो भी महिलाएं इसकी जांच करना चाहें वो भी इसकी स्क्रीनिंग और जांच करा सकती हैं. इसके प्रति सिर्फ जागरूकता लोगों में लानी है.
January 28, 2025, 10:08 IST
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