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How is Indigo Staff’s Behaviour With Passengers: पैसेंजर्स की सहूलियतों और सुविधाओं को लेकर इंडिगो दावा कुछ भी करें, पर हकीकत क्‍या है इसकी बानगी बीते दिनों दिल्‍ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर देखने को मिली. जहां करीब पांच महीने के बच्‍चे के साथ एक महिला पैसेंजर मदद के लिए लगभग पूरी रात इंडिगो स्‍टाफ के सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन किसी भी एयरलाइंस कर्मी का दिल नहीं पसीजा.

इंडिगो स्‍टाफ को इस बात का भी संकोच नहीं हुआ कि उस महिला के साथ 5 महीने का नवजात बच्‍चा है और वह उसे लेकर पूरी रात टर्मिनल में मदद के लिए इधर से उधर भटक रही है. यहां आपको बता दें कि महिला पैसेंजर की मदद कर इंडिगो स्‍टाफ को कोई अहसान नहीं करना था, बल्कि जिस कारण वह परेशान हो रही थी, उसकी असल वजह इंडिगो की अपनी लापरवाही थी और उसका समाधान करना एयरलाइंस की प्राइम ड्यूटी में शामिल था.

दरअसल, यह मामला अल्‍का कुमारी नामक एक महिला पैसेंजर से जुड़ा हुआ है. वह 10 अप्रैल को इंडिगो की फ्लाइट 6E-192 से सफर करने वाली थीं. यह फ्लाइट हैदराबाद से दिल्‍ली के बीच ऑपरेट होती है. हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्‍हें पता चला कि यह फ्लाइट करीब 55 मिनट डिले है. अल्‍का ने शांति के साथ फ्लाइट के टेकऑफ का इंतजार किया. यह फ्लाइट अपने निर्धारित समय 21.30 बजे की जगह देर रात करीब 22:25 बजे डिपार्ट हुई.

इंडिगो स्‍टाफ ने पैसेंजर मानने से ही किया इंकार
रात करीब 12:30 आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल वन पहुंचने के बाद बैगेज बेल्ट पर अल्‍का लंबे समय तक अपने बैग का इंतजार करती रहीं, लेकिन उनका बैग नहीं आया. जब बैगेज बेल्‍ट पर दूसरी फ्लाइट के बैग आना शुरू हो गए तो अल्‍का के सब्र का बांध टूट गया. वह अपने बैगेज की जानकारी लेने के लिए बैगेज बेल्‍ट के पास मौजूद इंडिगो स्‍टाफ के पास पहुंच गई. उन्‍होंने इंडिगो स्‍टाफ को पूरी बात बताई और अपने बैगेज का पता लगाने के लिए कहा.

अल्‍का की बात सुनने के बाद इंडिगो स्‍टाफ ने फ्लाइट मैनिफेस्ट को सरसरी निगाह से देखा और बिना किसी हिचक के बोला- मैम, ना ही इस नाम का कोई पैसेंजर इस फ्लाइट में था और ना ही इस फ्लाइट का कोई बैग पेंडिंग है. इंडिगो स्‍टाफ की बात सुन अल्‍का दंग रह गईं. एक पल के लिए उन्‍हें समझ नहीं आया कि एयरलाइंस स्‍टाफ बोल क्‍या रहा है. अल्‍का ने अपना बोर्डिंग पास इंडिगो स्‍टाफ को दिखाया, तब जाकर वह माना कि उन्‍होंने इस फ्लाइट में सफर भी किया है.

पैसेंजर अल्‍का कुमारी ने न्‍यूज18 से बातचीत में बताया कि बोर्डिंग पास देखने के बाद इंडिगो स्‍टाफ बोला कि आप इंतजार कीज‍िए, बैगेज का पता लगाकर आपको बताते हैं. करीब आधे घंटे बाद पूछने पर कहा गया कि बस थोड़ा इंतजार कीजिए, आपका बैगेज आने वाला है. यह करते-करते सुबह का 4 बज गए, लेकिन बैगेज नहीं आया. इसके बाद कहा गया कि बैगेज हैदराबाद में रह गया है, आप घर जाइए, आपका बैगेज आपके घर पर ही डिलीवर करा दिया जाएगा.

वर्दी वाला मसीहा ना आया होता तो…
उन्‍होंने बताया कि 11 अप्रैल को लंबे इंतजार के बावजूद जब बैगेज नहीं मिला तो उन्‍होंने अपने भाई को हैदराबाद एयरपोर्ट जाकर पता लगाने को बोला. वहां से पता चला कि हैदराबाद में कोई बैगेज नहीं है, फ्लाइट के साथ सभी बैगेज दिल्‍ली जा चुके हैं. चूंकि बैगे में कपड़े और दवाइयों के साथ बच्‍चे का पूरा सामान था, लिहाजा अल्‍का के लिए एक-एक पल काफी भारी होता जा रहा था. अब उनके लिए सबकुछ बर्दाश्‍त से बाहर हो चुका था.

अल्‍का ने बताया कि 11 अप्रैल को वह एक बार फिर आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गई, जहां इंडिगो स्‍टाफ ने बीती रात की तरह लगातार तीन घंटे तक इधर से उधर घुमाना शुरू कर दिया. अंत में अल्‍का ने हार मान ली और यह मान लिया कि उनका बैग उन्‍हें दोबारा नहीं मिलेगा. वह हताश होकर टर्मिनल के बाहर बैठ गईं. इसी बीच, सीआईएसएफ इंटेलिजेंस का एक अफसर, जो उनकी गतिविधियों पर लंबे समय से निगाह बनाए हुए थे, अल्‍का के पास पहुंचा और उनकी परेशानी की वजह पूछी.

अल्‍का की पूरी बात सुनने के बाद सीआईएसएफ अफसर ने कहा कि आप परेशान मत होइए, वह कुछ करता है. इसके बाद सीआईएसएफ अफसर इंडिगो के स्‍टाफ के पास पहुंचा और उसे लगभग फटकारते हुए कहा- क्‍यों परेशान कर रहे हो… बैग आ गया है तो देते क्‍यों नहीं. इस फटकार के कुछ मिनटों बाद अल्‍का को उनका बैगेज उनको सौंप दिया गया. अब इस घटना से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इंडिगो अपने पैसेंजर की सहूलियतों के लिए कितना फिक्रमंद है.

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