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Azamgarh News : शुरुआती जांच में पुलिस को भी ये केस संदिग्ध लगा. पत्नी भी बच्चों को लेकर छिप-छिपकर ‘मृत’ पति से मिलने लखनऊ जाती रही. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि इस फैमिली को ये ड्रामा करना पड़ रहा था.

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5 साल बाद ऑटो चलाता जिंदा पकड़ा गया मृत व्यक्ति, मार्केटिंग छोड़ कर डाली खुद की हत्या, जानें क्यों

आरोपी व्यक्ति

हाइलाइट्स

  • अरविंद चौहान 5 साल बाद लखनऊ में जिंदा पकड़ा गया.
  • पहचान बदलकर ऑटो चलाना शुरू कर दिया.
  • पत्नी और बच्चों से संपर्क करने के चक्कर में गिरफ्तार.

Ajab Gajab News. उसने खुद की हत्या की झूठी कहानी बनाई गई और पहचान बदलकर दूसरे शहर में जाकर रहने लगा. इसका पता तब लगा जब आरोपी ने अपनी पत्नी और बच्चों से संपर्क करने के लिए दूसरे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करना शुरू किया. नए मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप के जरिए अपने परिवार से बातचीत करने लगा. इसी नंबर को ट्रेस करते हुए पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. ये अजब गजब मामला आजमगढ़ का है. आजमगढ़ पुलिस ने 5 साल पहले मर चुके अरविंद चौहान नामक व्यक्ति को लखनऊ से जिंदा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. अरविंद जहानागंज थाना क्षेत्र के इदिलपुर पुनरजी का रहने वाला है.

वो किसी फाइनेंशियल कंपनी अलकेमिस्ट लिमिटेड में बतौर मार्केटिंग एजेंट के रूप में काम करता था. साल 2006 से 2017 के दौरान उसने अपने कई रिश्तेदारों और परिचितों से करोड़ों रुपए कंपनी में निवेश कराया. 2017 में कंपनी लोगों के करोड़ों रुपए लेकर भाग गई. जिन लोगों ने अरविंद के माध्यम से कंपनी में रुपए जमा किए. वो अपने पैसों की मांग करने लगे. अरविंद के पास लोगों को देने के लिए रुपए नहीं थे. इससे बचने के लिए उसने अपने हत्या की झूठी कहानी बना डाली.

पुलिस को टहलाती रही पत्नी

पुलिस ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को वेद प्रकाश चौहान नामक व्यक्ति ने अपने जीजा अरविंद चौहान के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस की ओर से गुमसुदगी का मामला दर्ज कर जांच की जा रही थी. कुछ दिनों बाद ही अरविंद की पत्नी सुनीता चौहान ने न्यायालय में वासुदेव चौहान नामक व्यक्ति पर अपने पति को लापता करते हुए हत्या करने का आरोप लगाया. वासुदेव ने 4.42 लाख रुपए अरविंद को दिए थे. इसलिए उसकी पत्नी ने वासुदेव को नाम लेकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की.

शक होने पर निकलवाई कॉल डिटेल

शुरुआती जांच में पुलिस को भी ये मामला संदिग्ध लगा. लापता अरविंद के ऊपर जहानागंज में धोखाधड़ी का मामला पहले से दर्ज था. इस पूरे षडयंत्र में अरविंद की पत्नी सुनीता ने भी अपने पति का साथ दिया. पुलिस ने अरविंद की पत्नी सुनीता चौहान के मोबाइल नंबर की डिटेल निकलवाई गई, जिसमें कुछ नंबर ऐसे पाए गए जिससे सुनीता की अक्सर व्हाट्सएप और इंटरनेट से बातचीत होती थी. पुलिस ने इस नंबर को ट्रेस किया तो ये नंबर लखनऊ का पाया गया. इसी नंबर के आधार पर पुलिस ने लखनऊ पहुंचकर मंगलवार को अरविंद चौहान को आईआईएम के पास से गिरफ्तार कर लिया.

पहचान बदलकर चलाने लगा ऑटो

पूछताछ में अरविंद ने पुलिस को बताया कि देनदारी ज्यादा होने पर वो 19 जुलाई 2019 की सुबह घर से किसी को बिना बताए लखनऊ चला गया. वहां आईआईएम के पास किराए पर कमरा लेकर रह रहा था. वहीं से पहचान बदलकर ऑटो चलाने लगा. कुछ दिनों बाद नया मोबाइल नंबर लेकर अपनी पत्नी और बच्चों से बातचीत करने लगा. पत्नी भी बच्चों को लेकर छिप-छिप कर अरविंद से मिलने लखनऊ जाती थी.

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5 साल बाद जिंदा पकड़ा गया मृत व्यक्ति, मार्केटिंग छोड़ कर डाली खुद की हत्या

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