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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Saharanpur Shivalaya Mahadev Temple : ये मंदिर सैकड़ों साल से लोगों की हर मनोकामना पूरी कर रहा है. इस मंदिर के विकास कार्य के लिए सरकार की ओर से अब दो करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिससे इसका सौंदर्यकरण कराया जाए…और पढ़ें

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5000 साल पहले पांडवों ने लगाया था ये पेड़, संतान सुख के लिए होती है पूजा, साक्षात दिखते हैं गणपति

धन और संतान की प्राप्ति कराता है यह 5000 साल पुराना वृक्ष

हाइलाइट्स

  • सहारनपुर के नकुड़ में है प्राचीन पीपल का पेड़.
  • पेड़ पर जल चढ़ाने से संतान प्राप्ति होती है.
  • पेड़ में गणेश जी की आकृति स्पष्ट दिखती है.

सहारनपुर. यूपी का सहारनपुर अपनी पुरानी धार्मिकता को आज भी संजोए हुए है. यहां सैकड़ों साल पुराने मंदिर और वृक्ष आसानी से मिल जाएंगे. ऐसा ही एक पीपल का पेड़ है सहारनपुर के नकुड़ कस्बे के शिवालय महादेव मंदिर (नकुलेश्वर धाम) में, जिसे 5000 साल पुराना बताया जाता है. इस पीपल के वृक्ष पर गणेश जी साक्षात विराजमान हैं. बताया जाता है कि 5000 साल पहले जब मंदिर की पश्चिम दिशा की ओर यमुना नदी बहती थी तो नदी में चलने वाली सभी नावों को इसी पेड़ से बांधा जाता था.

सुभद्रा का मंदिर

मान्यता है कि इस पेड़ पर जो भी जल चढ़ता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जिन महिलाओं को संतान नहीं होते, वे इस पेड़ पर जल चढ़ाएं तो उनको संतान की प्राप्ति हो जाती है. पीपल के नीचे कृष्ण जी की बहन सुभद्रा का मंदिर भी बना हुआ है. लोग दूर-दूर से इस पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने आते हैं. लोगों का मानना है कि जब भी उन्होंने इस वृक्ष से जो भी मनोकामना मांगी है उनकी मनोकामना पूर्ण भी हुई है.

भगवान शिव की आराधना

बताया जाता है कि इस मंदिर में कभी पांडव रुका करते थे और यहां भगवान शिव की आराधना करते थे. सरकार की ओर से इस मंदिर के विकास कार्य के लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिससे इसका सौंदर्यकरण कराया जाएगा. शिवालय महादेव मंदिर (नकुलेश्वर धाम) कमेटी के कोषाध्यक्ष विनोद कुमार वर्मा ने लोकल 18 को बताया कि ये करीब साढ़े पांच हजार साल पुराना शिवालय महादेव मंदिर है. इस मंदिर में करीब साढ़े पांच हजार साल पुराना पीपल का वृक्ष आज भी मौजूद है.

जलाभिषेक की मान्यता

विनोद वर्मा के अनुसार, हजारों साल पुराने इस पीपल के पेड़ में गणेश जी की आकृति प्रकट हुई, जो देखने में साफ नजर आती है. गणेश जी की आकृति को देखने और इस वृक्ष पर जल चढ़ाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. मान्यता है कि अगर किसी को धन या संतान चाहिए तो वो इस वृक्ष पर जलाभिषेक जरूर करता है.

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5000 साल पहले पांडवों ने लगाया था ये पेड़, संतान सुख के लिए अब होती है पूजा

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