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Agency:News18 Uttar Pradesh
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Chitrakoot Sadhguru Eye Hospital: यूपी के चित्रकूट में 51 सालों से नेत्र चिकित्सा में अपनी सेवा दे रहे सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक को अब भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा है. इस प्रतिष्ठित सम्मान की…और पढ़ें
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हाइलाइट्स
- डॉ. वीके जैन को पद्मश्री सम्मान मिला.
- 51 साल से नेत्र चिकित्सा में सेवा दे रहे हैं.
- सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय एशिया का सबसे बड़ा केंद्र.
चित्रकूट: कहते हैं अगर इंसान के अंदर कुछ कर सकने का जज्बा हो तो इंसान हर मंजिल को आसानी से हासिल कर सकता है. ऐसा ही कुछ चित्रकूट में 51 सालों से नेत्र चिकित्सा में अपनी सेवा दे रहे सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक ने कर दिखाया है. जिन्हें अब भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा है. इस प्रतिष्ठित सम्मान की घोषणा होते ही यूपी और एमपी के सीमावर्ती इलाकों में खुशी की लहर दौड़ गई.
51 साल से कर रहे हैं सेवा
चित्रकूट के सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ. वीके जैन को उनके सेवा कार्यों और अंधत्व निवारण के क्षेत्र में यह सम्मान मिला है. 75 वर्षीय डॉ. जैन ने अपनी जिंदगी के 51 साल गरीब कमजोर और जरूरतमंदों की आंखों की रोशनी लौटाने में समर्पित किए हैं. उन्होंने न केवल हजारों लोगों को दृष्टि प्रदान की है, बल्कि एशिया के सबसे बड़े नेत्र चिकित्सालय का निर्माण कर समाज सेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल भी पेश की है.
डॉ. जैन का जीवन सद्गुरु भगवान के आदर्शों से प्रेरित रहा है. उनका सपना था कि नेत्रहीनता का पूर्ण उन्मूलन किया जाए और हर व्यक्ति को आंखों की रोशनी मिल सके. सद्गुरु भगवान के इन विचारों को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और इस दिशा में अनवरत काम किया. उनकी मेहनत और समर्पण का नतीजा है कि सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय आज एशिया का सबसे बड़ा नेत्र चिकित्सा केंद्र बन गया है.
30 से अधिक मिला है पुरस्कार
बता दें कि पद्मश्री सम्मान से पहले भी डॉ. जैन को उनके अद्वितीय कार्यों के लिए 30 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, लेकिन पद्मश्री उनके लिए विशेष है, क्योंकि यह न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान का सम्मान है. बल्कि पूरे चित्रकूट और उनके टीम के प्रयासों का प्रतीक है.
डॉक्टर वीके जैन ने दी जानकारी
वहीं, सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ. वीके जैन ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि यह पद्मश्री पुरूस्कार की उपलब्धि के लिए वह परम पूज्य गुरदेव श्री रणछोड़ दास जी महाराज को मुझे अपने सेवाकार्य में निमित्त चयनित करने के लिए देता हूं. साथ ही यह श्रेय वह सदगुरु परिवार के हर बड़े से लेकर छोटे कार्यकर्ता की वजहों से पाए हैं.
डॉ. वीके जैन ने प्रत्यक्ष और परोक्ष सहयोग से ही यह उपलब्धि संभव हो सकती है. सम्मान केवल मेरा नहीं है. यह पूरे चित्रकूट और यहां के लोगों का है. उनकी सेवा और सहयोग के बिना यह संभव नहीं था. वह अपने गुरु मेरी टीम और सभी सहयोगियों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया है.
Chitrakoot,Uttar Pradesh
January 27, 2025, 11:30 IST
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