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Woman Gave Birth At 66 Age: जर्मनी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां 66 साल की महिला ने 10वें बच्चे को जन्म दिया है. खास बात यह है कि महिला नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंट हुई थी और डिलीवरी के बाद बच्चा…और पढ़ें

66 की उम्र में महिला ने बच्चे को दिया जन्म, आखिर इतनी उम्र में यह कैसे संभव? डॉक्टर से समझें

जर्मनी में महिला ने 66 साल की उम्र में 10वें बच्चे को जन्म दिया है.

हाइलाइट्स

  • जर्मनी में 66 साल की महिला ने 10वें बच्चे को जन्म दिया है.
  • महिला ने नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंट होकर बच्चे को जन्म दिया है.
  • दुनियाभर के डॉक्टर्स के लिए यह चर्चा का विषय बन गया है.

Pregnancy Maximum Age: आमतौर पर माना जाता है कि महिलाएं 35 से 40 साल तक ही नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंट हो सकती हैं. इस उम्र के बाद बच्चे पैदा करने के लिए IVF तकनीक का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि जर्मनी में एक महिला ने 66 साल की उम्र में 10वें बच्चे को जन्म दिया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिला नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंट हुई थी और उसने इसके लिए IVF या किसी अन्य तकनीक का सहारा नहीं लिया. जर्मनी की इस महिला ने बीते 19 मार्च को 3.54 किलो के हेल्दी बेबी का जन्म दिया है. महिला ने बच्चे का नाम फिलिप रखा है. यह मामला दुनियाभर के डॉक्टर्स के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है.

अधिकतर लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि 66 साल की उम्र में कोई महिला नेचुरल तरीके से कैसे प्रेग्नेंट हो सकती है? इस बारे में ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सोनाली गुप्ता ने News18 को बताया कि 66 साल की उम्र में नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंट होना और सुरक्षित तरीके से डिलीवरी होने का यह अनोखा मामला है. अब तक बिना IVF के मां बनने का रिकॉर्ड 59 साल की महिला के नाम था. ऐसे मामले रेयर होते हैं, जिनमें महिलाएं मेनोपॉज के बाद भी अपने एग्स से प्रेग्नेंट हो जाती हैं. आमतौर पर 50 साल के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी खत्म हो जाती है और IVF से भी प्रेग्नेंसी मुश्किल होती है. अगर नेचुरल तरीके से कोई महिला प्रेग्नेंट हो भी जाती है, तो प्रेग्नेंसी हाई रिस्क होती है. इसमें बच्चे की सकुशल डिलीवरी होना मुश्किल काम होता है.

डॉक्टर सोनाली ने बताया कि 40-45 की उम्र के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी बेहद कमजोर हो जाती है और कई महिलाएं तो 45 की उम्र में ही मेनोपॉज की कंडीशन में आ जाती हैं. ऐसी कंडीशन में प्रेग्नेंसी के लिए IVF करना पड़ता है. हमारे देश के असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशंस (ART 2023) के अनुसार देश में आईवीएफ की एज लिमिट महिलाओं के लिए 50 साल और पुरुषों के लिए 55 साल है. इस उम्र के बाद आईवीएफ ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता है. पहले यह उम्र थोड़ी ज्यादा थी, जिसे नए रेगुलेशंस में कम कर दिया गया है. हालांकि विदेशों में अब भी आईवीएफ की उम्र भारत के मुकाबले काफी ज्यादा है.

किन कंडीशन में मेनोपॉज के बाद भी हो सकता है बच्चा? इस सवाल पर डॉक्टर ने बताया कि यूरोपियन देशों में महिलाओं की रिप्रोडक्टिव एज भारत के मुकाबले करीब 5 साल ज्यादा होती है. इसके अलावा महिलाओं की जेनेटिक प्रोफाइल, लाइफस्टाइल, डाइट का भी फर्टिलिटी पर काफी असर होता है. अगर उन्हें कोई मेडिकल इलनेस न हो, तो कभी-कभी ओवरी में अंडे बन जाते हैं. ये अंडे जब स्पर्म के संपर्क में आते हैं, तो प्रेग्नेंसी कंसीव हो जाती है. हालांकि ऐसा रेयर मामलों में ही होता है. जर्मनी से सामने आया यह मामला रिसर्च का विषय है.

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66 की उम्र में महिला ने बच्चे को दिया जन्म, आखिर इतनी उम्र में यह कैसे संभव?

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