[ad_1]
Last Updated:
दूरदर्शन पर एक से बढ़कर एक पौराणिक टीवी शो आए, लेकिन ‘रामायाण’ और ‘महाभारत’ को भी टक्कर नहीं दे पाया. रामानंद सागर की ‘रामायण’, तो आज तक लोगों के दिलों में खास जगह बनाए हुए है. 25 जनवरी 1988 में यह पहली बार दूरदर्शन पर ऑन एयर हुआ. 6 महीने में ही पूरी रामायण को छोटे पर्दे पर दिखाई गई.

रामानंद सागर की ‘रामायण’ तबसे समय-समय पर दूरदर्शन और अन्य चैनलों पर ऑन एयर हुआ. कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी इसे फिर से दूरदर्शन पर दिखाया गया. इसमें राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान का किरदार निभाने वाले लोगों को आज भी एक सम्मान के नजरिए देखते हैं. 90 के दशक में, तो लोगों ने इन्हें भगवान समझ लिया था. (फाइल फोटो)

राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और सीता बनीं दीपिका चिखलिया को कोई भी देख लेता, तो उन्हें भगवान मानकर पैर छू लेते थे. ये तो ‘रामायण’ बनने के बाद की बातें हैं. लेकिन ‘रामायण’ की शूटिंग के दौरान ऐसी घटनाएं घटी, जिसे लोगों ने चमत्कार माना गया. यहां हम आपको कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं. (फाइल फोटो)

‘रामायण’ में जब दारा सिंह हनुमान के किरदार में आते थे, तो शूटिंग के दौरान उनमें बहुत ज्यादा एनर्जी और ताकत महसूस होती थी. सेट मौजूद लोगों को भी इसका अहसास होता था. ‘मैकिंग ऑफ रामायण’ में इसका खुलासा किया गया था. (फाइल फोटो)

दारा सिंह हैरान कर देने वाले सीन एक टेक में करते थे. एक सीन में उन्हें पहाड़ उठाना था. उन्होंने बिना किसी मदद के वो कर दिखाया, जिससे सेट पर मौजूद लोग हैरान हो गए थे. लोग कहने लगे थे कि उनपर हनुमान जी कृपा है. (फाइल फोटो)

मेकर्स जब राम और रावण के युद्ध के सीन की शूटिंग कर रहे थे, तब आसमान बिल्कुल साफ था. लेकिन जैसे युद्ध अंतिम पड़ाव पर आया, मौसम सच में बदल गया. तेज आंधियां चलने लगी. बिजलियां कड़कने लगीं. ऐसा माहौल बना कि सच में कोई दैविक युद्ध चल रहा है. देवता युद्ध देख रहे हों. मेकर्स ने इस पर हैरानी जताई थी. (फाइल फोटो)

इसके अलावा, मेकर्स ने एक बार मंदिर का सेट बनाया. इस सेट में राम-सीता की पूजा होनी थी. वहां मौजूद लोगों को मंत्रोच्चार करने थे. ऐसा शूट भी हुआ. लेकिन हैरानी की बात है कि कैमरा बंद होने के बाद भी लोग लगातार मंत्रोच्चार करते रहे, जैसे सच में कोई दैविक अनुष्ठान चल रहा है. (फाइल फोटो)

अरुम गोविल और दीपिका चिखलिया कई बार अपने इंटरव्यूज में खुलासा कर चुके हैं कि वह कहीं छोटे शहर या ग्रामीण क्षेत्रों में जाते थे, तो लोग उनके पैर छूने लगते थे. उनके आगे सिर झुकाकर आशीर्वाद मांगते थे. यहां तक कि एयरपोर्ट पर भी राम समझ कर कई लोग उनके पैर छूते थे. (फाइल फोटो)

रामानंद सागर की ‘रामायण’ की आईएमडीबी रेटिंग 9 है. ‘रामायण’ को समझने के लिए आज की पीढ़ी भी इस शो को देखती है. लॉकडाउन में जब यह शो फिर से ऑन एयर हुआ, तो आज की पीढ़ी को प्रभावित किया. साथ ही अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया जैसे सितारों की खोई हुई पॉपुलैरिटी से फिर से दिला दी. (फाइल फोटो)
[ad_2]
Source link