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Mumbai Crime: ‘फिर हेराफेरी’ फिल्म देखी है आपने? वहीं, अक्षय कुमार परेश रावल वाली. फिर तो उसका लक्ष्मी चिटफंड भी याद होगा. वहीं, 21 दिन में पैसा डबल करने वाला. उसके बाद का भी याद ही होगा कि क्या हुआ, कैसे लुबावनी स्कीम देकर कंपनी ने लोगों को लाखों का चूना लगा दिया था. ये फिल्म नहीं है, मगर घटना बिलकुल बराबर है. मुंबई के नामी ज्वैलरी शॉप टोरेस ग्रुप पर निवेश को हाई रिटर्न का वादा करके चूना लगा दिया है. ठीक उसी तरह जैसे कि ‘फिर हेराफेरी’ में हुआ था. 6 जनवरी का मामला है. हर हफ्ते की तरह पैसे लगाने वाले निवेशक दादर और नवी मुंबई के सानपाड़ा स्टोर के पास पहुंचे. गेट बंद थे. लोगों में घबराहट होने लगी. अफरातफरी मच गई. दुकान के मालिकों को जैसे पता चला तो उनके होश उड़ गए. दरअसल, उनको पता नहीं था कि उनके यहां कोई ऐसा स्कीम भी चल रहा है.
टोरेस ग्रुप ने पुलिस में अपने सीईओ और चार्टेड अकाउंटेड (सीए) पर ठगी का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के बिना उनका सीईओ तौसीफ अहमद और सीए अभिषेक गुप्ता पर ठगी का आरोपी लगाया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘उनके बताया कि उनके कर्मचारियों ने धोखाधड़ी वाली योजना के जरिए ग्राहकों को ठगा और चेन के स्टोर में लूटपाट और तोड़फोड़ भी की.’ इसके स्कीम में केवल सिर्फ वे दोनों शामिल नहीं थे, बल्कि उन्होंने अन्य कर्मचारियों को शामिल किया था. उन्होंने निवेशकों को ठगने के लिए फर्जी योजना चलाया, 400 गुना लाभ देने का वादा किया और जैसे ही उनके झांसे में लोग आए वे न केवल उनके पैसे लेकर फरार हो गए, बल्कि ज्वैलरी शॉप को भी लूट लिया.
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