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Mahakumbh 2025: साधु-संत महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन की डिमांड कर रहे हैं. सीएम योगी ने पहली बार इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी है. सीएम योगी ने साफ कहा कि जिनके मन में भारत और भारतीयता, भारत की सनातन परंपरा के प्रति सम्मान…और पढ़ें

हर विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिए : योगी आदित्यनाथ, महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर क्या बोले CM?

सीएम योगी ने कहा कि 2025 का महाकुंभ सुव्यवस्था, आस्था और आधुनिकता के महासमागम के रूप में जाना जाएगा…

हाइलाइट्स

  • हर विवादित ढांचे को मस्जिद कहना बंद करें: सीएम योगी
  • कुत्सित मानसिकता से महाकुंभ न आएं : सीएम योगी
  • 2025 का महाकुंभ आस्था और आधुनिकता का महासंगम

लखनऊ. किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिये. हम जिस दिन मस्जिद बोलना बंद कर देंगे तो उस दिन लोग जाना भी बंद कर देंगे. यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ भी है कि किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचाकर, वहां मस्जिद नुमा ढांचा खड़ा कर दिया हो. ऐसे स्थान पर किसी भी प्रकार की होने वाली इबादत खुदा को भी मंजूर नहीं होती है. जब खुदा को मंजूर नहीं होती है तो बेकार में वहां क्यों इबादत की जाए? वहीं इस्लाम में उपासना के लिए एक स्ट्रक्चर खड़ा हो, यह आवश्यक नहीं है जबकि यह सनातन धर्म में है. सनातनी उपासना के लिए मंदिर जाएगा, इस्लाम के लिए नहीं है. ऐसे में हमे किसी भी ढांचे को मस्जिद बोलने की जिद्​द नहीं करनी चाहिये. यह समय एक नये भारत के बारे में सोचना के साथ आगे बढ़ने का है. हमें इस ओर ध्यान देना चाहिये. ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में ऐरावत घाट पर एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहीं.

वर्ष 2013 में मां गंगा की गंदगी देख मॉरिशस के तत्कालीन पीएम के छलक आए थे आंसू
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक वर्ष पहले अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके रामलला का विराजमान होना और 144 वर्षों बाद इस तरह के मुहूर्त में महाकुंभ का होना, ये ईश्वर की कृपा है. महाकुम्भ में पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के साथ दक्षिण भारत के राज्यों से संतों का आगमन नहीं हो पाता था. वहीं इस बार महाकुंभ में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की तस्वीर देखने को मिलेगी. यहां हर जगह से संतों और श्रद्धालुओं की मौजूदगी होगी. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी अगले 45 दिनों में प्रयागराज की त्रिवेणी में डुबकी लगाएगी. सीएम योगी ने विपक्ष के वार पर पलटवार करते हुए कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि बीजेपी ने खुद को महाकुम्भ के आयोजन से जोड़ा है. इस आस्था को नई ऊंचाई देने से किसने रोका था? 2017 के पहले यही आयोजन गंदगी का पर्याय बनता था और अव्यवस्था होती थी. 2013 के महाकुंभ में क्या स्थिति थी? उन्होंने कहा कि मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्नान करने आए थे और अव्यवस्था गंदगी देख आंखों से आंसू बहाकर दुखी मन से कहा था कि क्या यही गंगा है और वापस चले गए थे.

वक्फ बोर्ड नहीं भूमाफियाओं का है बोर्ड
प्रयागराज की इस धरती पर हजारों वर्ष से कुम्भ का आयोजन होता आ रहा है. इसके बाद भी उसको कोई वक्फ बोर्ड की लैंड बोल दे तो बस यही कहना है कि ये वक्फ बोर्ड है या भूमाफियाओं का बोर्ड है. इस तरह की दुष्प्रवृत्ति पर रोक लगनी ही चाहिए और हम रोक लगाएंगे. सीएम योगी ने कहा कि हमने कुछ संशोधन यहां पर किए हैं कि कोई भी जमीन जिस पर वक्फ ने कब्जा किया है या दावा किया है, 1363 फसली की उसके पूरे रिकॉर्ड को चेक किया जाए. कहीं भी वक्फ शब्द आता है तो पहले उसे देखो की जमीन किसके नाम पर थी और फिर उसको हम वापस दिलाने का काम कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि कहीं भी, किसी भी ऐसी जमीन पर जो सार्वजनिक उपयोग में होगी, हिंदू आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की जमीन होगी या सरकार की होगी, यहां पर इस प्रकार के किसी भी भूमाफिया बोर्ड को कब्जा नहीं करने देंगे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये कुम्भ की भूमि है और आने वाले साधु-संतों को कुम्भ के आयोजन के लिए इसी प्रकार से उपलब्ध होती रहेगी.

डिजिटल महाकुम्भ के रूप में जाना जाएगा इस बार का महाकुम्भ
सीएम ने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा एक अस्थायी शहर है और कम से कम 40 करोड़ लोग यहां आने वाले हैं. यहां लोग देखें कि ‘एक भारत कैसे एक जगह पर आ करके श्रेष्ठ भारत’ के तौर पर जाति-मत से ऊपर उठ करके संगम में एक साथ डुबकी लगाएंगे. सीएम ने कहा कि इस बाद का महाकुम्भ डिजिटल महाकुम्भ के रूप में जाना जाएगा. इस कुम्भ के जरिये आस्था को आधुनिकता से जोड़ा है. ऐप के जरिये महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारी को श्रद्धालु देख सकेंगे. डिजिटल महाकुम्भ के ऐप पर सभी जानकारियां दी गई हैं. इससे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी.

जो परंपरागत रूप से संगम में स्नान को आएंगे, उनका स्वागत है
सीएम ने महाकुम्भ में मुस्लिमों की एंट्री पर कहा कि जिनके मन में भारत और भारतीयता के प्रति, भारत की सनातन परंपरा के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव है, वो यहां पर आएं, लेकिन अगर कोई कुत्सित मानसिकता के साथ यहां आता है तो मुझे लगता है कि उसकी भावनाओं को भी अच्छा नहीं लगेगा. उसके साथ अन्य तरीके से भी व्यवहार हो सकता है, इसलिए वैसे लोग न भी आएं तो अच्छा है, लेकिन श्रद्धा के साथ आने वाला हर व्यक्ति प्रयागराज आए. बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी कालकंड में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने उपासना विधि के रूप में इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे भारत की परंपरा पर आज भी गौरव की अनुभूति करते हैं. अपने गौत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं. पर्व और त्योहारों में उनकी भागेदारी उसी रूप में होती है. वो लोग अगर परंपरागत रूप से संगम में स्नान करने के लिए आते हैं तो कोई बुराई नहीं है. उनका स्वागत है. वो लोग आएं. कहीं कोई समस्या नहीं, लेकिन अगर कोई ये कहने आएगा कि ये भूमि हमारी है और हम लोग इस पर कब्जा करेंगे. मुझे लगता है कि उनको डेंटिंग-पेंटिंग का सामना करना पड़ सकता है.

आइन-ए-अकबरी में भी है संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर तोड़ने का जिक्र
सीएम ने संभल की जामा मस्जिद पर कहा कि कुछ लोगों संभल जिले से अधिक की जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन बताई है जबकि संभल में इतनी जमीन ही नहीं है. हमारे पुराणों में पांच हजार वर्ष पहले से ही उल्लेख है कि संभल में हरि विष्णु का दसवां अवतार कलकी के रूप में होगा. संभल में आज जो भी देखने को मिल रहा है, वह सभी सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है. सीएम ने कहा कि 5 हजार वर्ष पहले धरती पर इस्लाम नहीं था. उस समय केवल सनातन धर्म ही था. उस समय जब इस्लाम था ही नहीं तो जामा मस्जिद का उल्लेख कैसे होगा? आइन-ए-अकबरी कहती है कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया है. इस गलती को स्वीकार किया जाना चाहिये. उन्हे खुद से दे देना चाहिये. ये देश मुस्लिम लीग की मानसिकता से नहीं चलेगा, भारत की आस्था के अनुरूप चलेगा. हमने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है. आइने-ए-अकबरी कहता है कि वर्ष 1528 में अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भगवान रामलला के मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया था. ये सारे काम मीरबाकी ने किये हैं. ये जो भी चीजें हुई हैं, उस पर अगर हिंदू आस्था आग्रह करती है, तो सुना जाना चाहिए.

हरि विष्णु मंदिर के शास्त्रीय प्रमाण और आस्था के साक्ष्य मौजूद
सीएम ने पूजा स्थल कानून के रिव्यू पर बोले, मुझे लगता है कि माननीय न्यायालय उसको देख रहा है और देखेगा भी. आस्था का जरूर सम्मान होगा. भारत एक आस्थावान देश है, ये महाकुम्भ का आयोजन उस आस्था का एक प्रतीक है, जहां पर देश और दुनिया का हर आस्थावान व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के यहां पर आएगा. सीएम ने जामा मस्जिद मामले पर कहा कि दोनों तरह के साक्ष्य हैं- शास्त्रीय प्रमाण है और आस्था के साक्ष्य हैं. ये प्राप्त होते हैं, मुझे लगता है कि न्यायालय को हस्तक्षेप करने की नौबत न आए बल्कि इस्लाम के अनुयाइयों को बड़े सम्मानजनक ढंग से कहना चाहिए कि ये आपकी है. आप अपनी अमानत को संभालिए.

संविधान का गला घोंटने वाले संविधान की प्रति लेकर लोगों को बना रहे थे बेवकूफ
सीएम योगी ने ‘एक हैं तो नेक हैं’ और ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के बयान पर बोला कि इतिहास को उठाकर एक बार आप झांकेंगे, तब इस बात को देखेंगे कि बंटे थे तो कटे थे. उन्होंने कहा कि अगर आप इतिहास की उस गलती से सबक सीखेंगे तो फिर कभी भी ऐसी नौबत नहीं आएगी कि कोई गुलामी की बेड़ियों के साथ हमें जकड़ पाएगा, ये नारा उन्हीं सब मुद्दों को ले करके था. सीएम ने इंडी गठबंधन द्वारा लोकसभा चुनाव में दुष्प्रचार पर कहा कि जिन लोगों ने स्वयं संविधान का गला घोंटा है, बाबा साहब ने जो मूल प्रति संविधान सभा में प्रस्तुत किया था और जिसे लागू किया गया था, उसमें कहीं भी सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं हैं. ये शब्द तब डाला गया जब देश में आपातकाल लागू था. सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने लोकतंत्र का, संविधान का गला घोंटा था वे लोग संविधान की प्रति हाथों में लेकर लोगों को बेवकूफ बना रहे थे. उन्होंने कहा कि देश की जनता इन लोगों को समझ गई है और इसीलिए आज सबक सिखा रही है.

आस्था और आधुनिकता के महासमागम के रूप में जाना जाएगा
सीएम योगी ने कहा कि मॉरिशस के लोगों ने मां गंगा की स्मृति को गंगा तालाब के जरिये संजोकर रखा है. उन्होंने मॉरिशस के प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि हमने उनसे संगम में डुबकी लगाने का आग्रह किया था. वह हमारा आग्रह स्वीकार कर प्रयागराज पहुंचे और 450 लोगों के साथ डुबकी भी लगाई. साथ ही काफी खुश हुए. सीएम ने कहा कि 2019 का कुंभ स्वच्छता के लिए जाना जाता है. 2025 का महाकुंभ सुव्यवस्था, आस्था और आधुनिकता के महासमागम के रूप में जाना जाएगा.

प्रयागराज जिस कार्य का हकदार, उसे प्राप्त होना चाहिए
सीएम योगी ने वक्फ की जमीन पर महाकुम्भ के आयोजन पर कहा कि हम जानते थे कि प्रयागराज जिस कार्य का हकदार था, उसको प्राप्त होना चाहिए. पीएम मोदी का भी बार-बार यही निर्देश रहा है कि हमारे पावन तीर्थों को उसका अधिकार मिलना चाहिए. 2024 में देश और दुनिया की हर निगाह अयोध्या के लिए लगी थी, हर व्यक्ति के कदम बढ़ रहे थे. ये आहट मुझे दिसंबर 2023 से ही सुनाई दे रही थी कि जब महाकुम्भ होगा, तो दुनियाभर से क्वेरीज आनी शुरू हुई थी कि क्या है, वहां की कनेक्टिविटी की व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर. ऐसे में वर्ष 2019 से ही लेकर हम सभी सहमत थे कि हमें उनके हिसाब से व्यवस्था देनी है. इसे ही ध्यान में रखते हुए दस हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में आयोजन किया जा रहा है. महाकुम्भ के लिए पंडाल लगे हैं. पांच हजार एकड़ से ज्यादा भू-भाग ऐसा है, जहां पर पार्किंग की व्यवस्था अलग से दी गई है.

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