Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:

सुधीर कुमार ने अपने 12 बीघा खेत में अंजीर के लगभग ढाई हजार पेड़ लगाए हैं. जिससे वह सीजन में अंजीर एकत्र कर हर महीने 500 किलो तक चटनी तैयार करते हैं.

X

अपने खेत में उगने वाले इस खास फल से चटनी बना रहे किसान सुधीर कुमार

अंजीर की चटनी.

हाइलाइट्स

  • सुधीर कुमार ने 12 बीघा में अंजीर के 2500 पेड़ लगाए हैं.
  • हर महीने 500 किलो अंजीर की चटनी तैयार करते हैं.
  • अंजीर की चटनी कई राज्यों में लोकप्रिय है.

सहारनपुर: अंजीर हमारे सेहत के लिए कितना फायदेमंद है ये किसी से छिपा नहीं है, इसी गुणकारी अंजीर की सहारनपुर के किसान सुधीर कुमार खेती कर उससे स्वादिष्ट चटनी तैयार कर रहे हैं, जो आसपास के कई राज्यों में खूब पसंद की जा रही है. यह चटनी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है और विभिन्न बीमारियों में रामबाण का काम करती है. जबकि अंजीर का मौसम सीमित होता है, सुधीर कुमार की अंजीर की चटनी का इस्तेमाल पूरे साल किया जा सकता है.
सुधीर कुमार ने अपने 12 बीघा खेत में लगभग ढाई हजार अंजीर के पेड़ लगाए हैं. सीजन में वह हर महीने 500 किलो तक चटनी तैयार कर लेते हैं. इस चटनी में अंजीर के अलावा काली मिर्च, दालचीनी और अदरक जैसे मसाले मिलाए जाते हैं, जो न सिर्फ चटनी के स्वाद को बढ़ाते हैं बल्कि यह शरीर के लिए भी फायदेमंद होते हैं.
सुधीर कुमार की यह चटनी वैद्य और हकीम भी अपनी चिकित्सा में उपयोग करते हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कई जनपदों के साथ-साथ हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड में भी इस चटनी की भारी मांग है. एक पैक, जो ढाई सौ ग्राम का होता है, मात्र 150 रुपए में बिकता है.
अंजीर में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स, पॉलीफेनॉल्स, एंटीकैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर को अनेक प्रकार के लाभ पहुंचाते हैं.

स्वरोजगार से सफलता की ओर
किसान सुधीर कुमार ने 2011 में अपने इस स्वरोजगार की शुरुआत की थी और तब से वह विभिन्न प्रकार के अचार और चटनियां बना रहे हैं. पिछले पांच वर्षों से वह अंजीर की चटनी तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अंजीर का मौसम केवल कुछ समय तक रहता है, इसीलिए उन्होंने इसे चटनी में बदलकर पूरे साल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया.

ऐसे बनती है चटनी
अंजीर की चटनी तैयार करने की प्रक्रिया में अंजीर को अच्छे से साफ करने के बाद बॉयल किया जाता है, फिर उसका पल्प तैयार किया जाता है. इसके बाद काली मिर्च, दालचीनी और अदरक जैसी चीजें मिलाकर चटनी तैयार की जाती है. यह चटनी ढाई सौ ग्राम की डिब्बियों में पैक की जाती है और मार्केट में बेची जाती है.
अंजीर के अन्य लाभों में पेट की बीमारियों के इलाज के लिए इसका उपयोग प्रमुख है. वह बताते हैं कि उनकी चटनी को आसपास के राज्यों में भी काफी पसंद किया जा रहा है और उनका कारोबार महीने दर महीने बढ़ता जा रहा है.
सुधीर कुमार सैनी की मेहनत और स्वरोजगार से सफलता की यह कहानी न सिर्फ अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह एक उदाहरण है कि कैसे पारंपरिक खेती से कुछ नया और हेल्दी उत्पाद तैयार किया जा सकता है.

homeagriculture

अपने खेत में उगने वाले इस खास फल से चटनी बना रहे किसान सुधीर कुमार

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment