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गाजियाबाद. यूपी के गाजियाबाद में जाली मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. जमीन हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं और इस गोरखधंधे में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है. ताजा मामला गाजियाबाद के मोदीनगर के भोजपुर थाना क्षेत्र के ईसापुर का है, जहां 12 साल से लापता युवक का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उसकी बहनों ने पैतृक संपत्ति अपने नाम करवा ली. इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब लापता युवक के चाचा मनवीर सिंह ने एसडीएम मोदीनगर को शिकायत दी. चाचा का आरोप है कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के लिए नायाब तहसीलदार ने बिना जांच आदेश किया.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मेरे भाई और भाभी की मृत्यु हो गई है. वहीं मेरा भतीजा सोनू 12 साल से लापता है. आरोप है कि लापता युवक सोनू का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर कर्मचारियों की मिलीभगत से लापता युवक की बहनों ने यह फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करवाया और अपने नाम जमीन को अपने नाम दर्ज करा लिया.
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वहीं चाचा मनवीर सिंह ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. वहीं पीड़ित चाचा ने यह भी बताया कि भतीजा पहले कभी-कभी आता जाता रहता था, लेकिन अब नहीं आ रहा और उसकी बहनों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवाकर जमीन अपने नाम करवा ली. मैंने जब इस पर उसके मृत्यु प्रमाण पत्र पर आपत्ति जताई, तो अभी तक कोई जांच नहीं हुई और नायाब तहसीलदार ने बिना जांच के आदेश कर दिया है.
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बताते चलें यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले निवाड़ी नगर पंचायत में भी 35 साल से लापता व्यक्ति का ईओ के फर्जी हस्ताक्षर करके मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर करोड़ों की संपत्ति हड़पने का मामला सामने आया था. उस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. सरकारी तंत्र की इस लापरवाही और मिलीभगत से यह मामले सामने आ रहे हैं. सवाल उठता है कि आखिर कब तक ऐसे फर्जीवाड़े चलते रहेंगे और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी.
Tags: Ghaziabad News, UP news
FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 20:08 IST
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