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पीलीभीत : बीते दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से घुसना सिंचाई विभाग ठेकेदार के कर्मचारी को खासा मंहगा पड़ गया है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने युवक पर बड़ा जुर्माना लगाकर प्रतिबंधित क्षेत्र में बगैर अनुमति प्रवेश करने वालों के खिलाफ एक कड़ी नज़ीर पेश की है. बीते कई सालों में तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही और राजनौतिक हस्तक्षेप के चलते पीटीआर में निजी वाहनों से प्रवेश व जंगल के नियमों की धज्जियां उड़ाना एक चलन सा बन गया था. हांलाकि हाईप्रोफाइल मामलों में पीटीआर प्रशासन की चुप्पी प्रश्नचिन्ह भी खड़े कर रही है.

दरअसल, बीते बुधवार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में इवनिंग शिफ्ट सफारी के दौरान सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारी और विभागीय ठेकेदार के कर्मचारी द्वारा जंगल के नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया था. लोकल 18 ने मामले को प्रमुखता से उजागर किया था. इस खबर के असर के कारण पीटीआर प्रशासन की ओर से ठेकेदार के कर्मचारी पर मोटरसाइकिल से जंगल में अवैध प्रवेश और खतरनाक ढंग से बाघ के वीडियो बनाने के चलते 3 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है. हांलांकि सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को सिर्फ मौखिक चेतावनी देकर छोड़ा गया है.

वन्यजीवों के शिकार पर लगा था 2 लाख का जुर्माना
जानकारों की मानें तो पीलीभीत के वन विभाग के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. इससे पूर्व में अनुसूचित वन्यजीवों के शिकार के मामलों में अधिकतम 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया गया था. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि यह कार्रवाई जंगल में अवैध रुप से प्रवेश और वन्यजीवों के साथ खिलवाड़ करने वालों के लिए एक नजीर है, वहीं इस कार्रवाई से ऐसी गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगेगा. लेकिन हाई प्रोफाइल मामलों में रसूखदारों को अभयदान किस दबाव में दिया जाता है यह एक बड़ा प्रश्न है.

अचिंत्य केस में कब होगी जांच?
यह पहला मौका नहीं है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से प्रवेश का मामला सामने आया हो. मार्च 2024 में अचिंत्य प्रताप सिंह नामक सोशल मीडिया हेंडल पर रात में निजी गाड़ी से पीटीआर में घूमने का वीडियो सामने आया था. तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने मामले की पुष्टि भी की थी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक युवक के एक पूर्व वनाधिकारी का बेटा था . और जांच की बात कहकर मामले रफा दफा कर दिया गया था.

एनटीसीए ने मांगी रिपोर्ट
वहीं बीते दिनों सूबे में राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार द्वारा काफिले के साथ जंगल में प्रवेश का मामला सामने आया था. राज्यमंत्री के वाहन के अलावा अन्य वाहनों के प्रवेश को विभाग की ओर से अवैध माना गया था. पूरे मामले में 13 दिसंबर को एनटीसीए ने वन विभाग से रिपोर्ट तलब की है. वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कार्यवाहक फील्ड डायरेक्टर विजय सिंह को यह रिपोर्ट शासन को सौंपनी है. लेकिन मामले के तार राजनीति से जुड़े होने के चलते अब तक इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. वहीं फील्ड डायरेक्टर विजय सिंह मामले पर किसी भी तरह का बयान देने से कतराते हुए मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं.

Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News Hindi

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