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नई दिल्ली. सिनामाई दुनिया में ‘पुष्पा 2’ के फीवर के बीच एक फिल्म रिलीज होने के लिए तैयार है, जो साबित कर देगी कि राजा बनने के लिए विरासत की जरूरत नहीं होती. जमीन पर तो कई राजा राज करते हुए आए है, लेकिन उसने सभी के दिलों पर रजा किया. हालात की आंधियों से उठा एक सच्चा राजा ये राजा और कोई नहीं बल्कि मुफासा है. तीनों खान एक बार फिर से साथ नजर आने वाले हैं. अरे रुकिए… सलमान-आमिर या शाहरुख की बात नहीं कर रहे हैं. ये खान तो एक ही घर में रहते हैं, जिनका खून का रिश्ता है. अब तो आप बिलकुल ठीक समझे बात कर रहे हैं शाहरुख खान-आर्यन खान और अबराम खान की, जिन्होंने इस फिल्म को अपनी आवाज की जादू से नॉस्टेल्जिया फिलिंग्स से भर दिया. ये एक मनोरंजक फिल्म है जो पारिवारिक मूल्यों की बात बयां करती है.

फिल्म हिंदी और अंग्रेजी दोनों वर्जन में ये फिल्म आप देख सकते हैं. बैरी जेनकिंस द्वारा निर्देशित मुफासा में शाहरुख खान ‘मुफासा’ के रूप में लौट रहे हैं, जबकि आर्यन खान ने ‘सिम्बा’ को आवाज दी है. हालांकि, इस बार, अबराम युवा ‘मुफासा’ के रूप में अपनी शुरुआत कर रहे हैं.

फिल्म की कहानी
मुफासा की कहानी: द लायन किंग ‘मुफासा’ और ‘टाका’ की मूल कहानी पर प्रकाश डालता है. दो ऐसे दोस्त, जो भाई से कम नहीं है. वो दोस्त जो एक दोस्त के लिए जीवनदाता बना और अपने घर में जगह देने के लिए उसने वो सबकुछ किया, जो एक भाई-भाई के लिए करता है. कहानी की शुरुआत सिंबा से होती है. ‘सिंबा’ का परिवार बड़ा हो रहा है और इसलिए वो अपनी बेटी कियारा को अपने दोस्त टीमोन और पुम्बा के पास छोड़कर नाले के पास जाता है. यहां अपने पापा के जाने के बाद आए हुए तूफान से डर रही कियारा को उसके दादाजी ‘मुफासा’ के दोस्त रफीकी एक कहानी सुनाते हैं. ये कहानी सिर्फ मुफासा की ही नहीं ‘स्कार’ की भी है. फिर कैसे घुसपैठिए इनके परिवार को मारकर इनकी जान के पीछे पड़ जाते हैं और भागकर इन्हें जान है एक सीक्रेट जगह जिसके बारे में कोई नहीं जानता. अब ‘स्कार’ और ‘मुफासा’ दुश्मन क्यों बनें, टाका कौन था और मुफासा के बचपन की कहानी क्या थी? ये जानने के लिए तो आपको फिल्म देखने ही पड़ेगी.

कैसी है फिल्म?
इस फिल्म को दिलचस्प तरीके से बनाया गया है, विजुअल्स काफी अच्छे लगते हैं और वॉयस ओवर कमाल का है. इसे बिल्कुल देसी अंदाज दिया गया. फर्स्ट हाफ तो काफी कमाल है, सेकंड हाफ में शेरों का लव ट्राएंगल थोड़ा फनी लगता है. लेकिन आप हंसते-हंसते उसे झेल ही जाते हैं क्योंकि फिल्म बच्चों के लिए है.

क्यों देखने चाहिए फिल्म?
ये एक प्रेडिक्टेबल कहानी हो सकती है. बच्चे और एनिमेटेड फिल्म्स को पसंद करने वाले इसे बेहद एन्जॉय करेंगे, क्योंकि फिल्म में जिस तरह से एनीमेशन का इस्तेमाल किया गया है वो सच में नायाब है. इस फिल्म में कमाल की वॉयस एक्टिंग की गई है. मुफासा को आवाज शाहरुख खान ने दी है और उनकी आवाज ने ही उस शेर को रोमांटिक बना दिया है. वॉयस कास्टिंग पर अच्छा काम किया है. कुल मिलाकर बच्चों के साथ ये फिल्म देखी जा सकती है.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Entertainment news., Film review, Shah rukh khan

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