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Crime News: वारदात को अंजाम देने के लिए ये दोनों आरोपी हजारों किलोमीटर का सफर कर दिल्‍ली पहुंचते थे. दिल्‍ली पहुंचने के बाद उन इलाकों की तलाश करते, जहां इंस्‍टीट्यूशन-कॉलेज में पढ़ने वाले बच्‍चों की बहुतायत होगी. ये तड़के वारदात के लिए निकलते और फिर हर घर के दरवाजे को टटोलना शुरू कर देते. जिस घर का भी दरवाजा खुला मिल जाता, उस घर में मौजूद मोबाइल, लैपटॉप जैसे इलेक्‍ट्रानिक आइटम में अपना हाथ साफ कर देते.

इस बीच, इन दोनों को कोई घर में घुसते देख लेता तो मूक-बधिर होने का ड्रामा करने लगते. यह कभी ये बताते कि दोनों मूक-बधिर स्‍कूल के छात्र है और कभी कहते की वह अनाथालय से आए हैं. यह कहकर दोनों आरोपी लोगों से डोनेशन मांगने लग जाते. लोगों को भरोसा दिलाने के लिए ये दोनों आरोपी अपने पास मूक बधिर होने का फर्जी सर्टिफिकेट भी रखते थे. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों वापस तमिलनाडु और आंध प्रदेश चले जाते थे.

इसके बाद, दिल्‍ली से चोरी किए हुए सामान को वहां की मार्किट में बेहद सस्‍ते दामों में बेंच देते थे. पुलिस ने दोनों आरोपियों को साकेत की एशियन मार्केट के पास से गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों की पहचान 34 वर्षीय बलन और 28 वर्षीय पी कार्तिक के रूप में हुई है. पुलिस ने इनके कब्‍जे से 16 मोबाइल फोन, छह लैपटॉप और एक चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की है. पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि इनके निशाने पर ज्‍यादातर कॉलेज के बच्‍चे ही होते थे.

FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 19:04 IST

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