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Guillain Barre Syndrome: गुलियन बेरी सिंड्रोम अपना पैर आगे पसारने लगा है. अब यह झारखंड और असम में भी दस्तक दे दी है. आखिर इस बीमारी कि दूसरे राज्यों में कितना खतरा है.

क्या दूसरे राज्यों में पहुंचेगा गुलियन बेरी सिंड्रोम, असम और झारखंड में पहले मामले से हड़कंप, आखिर कितना खतरा

गुलियन बेरी सिंड्रोम. (सांकेतिक तस्वीर) Canva

Guillain Barre Syndrome: गुलियन बेरी सिंड्रोम महाराष्ट्र के बाद अब दूसरे राज्यों में भी पैर पसारने लगा है. असम और झारखंड में भी एक-एक मामले सामने आए हैं. रांची में 5 साल की एक बच्ची को गुलियन बेरी सिंड्रोम के कारण रिम्स में भर्ती कराया गया है. वहीं असम में 17 साल की एक लड़की की संदिग्ध रूप से इसी बीमारी से मौत हो गई. वही पुणे में शनिवार को 60 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस तरह पुणे में अब तक 5 मौतें गुलियन बेरी सिंड्रोम के कारण हो चुकी है. इस तरह गुलियन बेरी सिंड्रोम के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और अब तक 149 लोग इस बीमारी से पीड़ित हो चुके हैं. महाराष्ट्र में 28 लोग अब भी वेंटिलेटर पर हैं. यह बीमारी पीठ दर्द या बदन दर्द से शुरू होकर रिस्पायरेटरी फेल्योर तक पहुंच जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह बीमारी अन्य राज्यों में फैल सकती है.

क्या अन्य राज्यों में फैल सकती यह बीमारी
नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार ने न्यूज 18 को बताया गुलियन बेरी सिंड्रोम किस कारण होता है, इसका अब तक कोई सटीक प्रमाण नहीं है लेकिन शुरुआती अध्ययनों से पता चलता है कि इसके कई कारण हो सकते हैं. यह किसी वायरस के संक्रमण के बाद या इम्यून सिस्टम में खराबी के बाद हो सकता है. अगर कुछ नसें डैमेज हो जाए तो भी यह बीमारी हो सकती है. डायरिया या रिस्पायरेटरी इंफेक्शन के बाद भी यह बीमारी हो सकती है. कुछ मामलों में सर्जरी के बाद भी गुलियन बेरी सिंड्रोम हो सकता है. यहां तक कुछ रेयर मामलों में वैक्सीन लेने के बाद भी यह बीमारी हो सकती है. चूंकि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है, ऐसे में यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि गुलियन बेरी सिंड्रोम इंफेक्शन डिजीज की तरह अन्य राज्यों में भी फैल सकता है. यह कहीं भी किसी को भी हो सकता है लेकिन गुलियन बेरी सिंड्रोम बहुत रेयर होता है जो करीब 78 हजार में एक व्यक्ति को हो सकता है.

गुलियन बेरी सिंड्रोम में क्या होता है
अगर किसी को गुलियन बेरी सिंड्रोम होता है तो सबसे पहले हाथ-पैर की उंगलियों, कलाइयों और टखनों में सूई की तरह चुभने का अहसास होता है. इसके साथ ही शरीर के उपरी हिस्से और पैरों में बहुत ज्यादा कमजोरी आने लगती है. पैदल चलने में और सीढ़ियों पर चलने में दिक्कत होती है और चेहरे के हाव-भाव में परिवर्तन आने लगता है. यहां तक खाना खाने में और बोलने में भी परेशानी होती है. आंखों से एक ही चीज दो-दो दिखाई देने लगती है. बहुत ज्यादा बदन दर्द करने लगता है. पेशाब और स्टूल पर कंट्रोल करना मुश्किल होने लगता है. हार्ट रेट बढ़ जाता है. सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है. अगर बीमारी बढ़ती है तो नसें डैमेज होने लगती है.

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क्या दूसरे राज्यों में पहुंचेगा गुलियन बेरी सिंड्रोम, असम और झारखंड में भी केस

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