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प्रयागराज में लाखों-करोड़ों लोग हर दिन त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस बीच, एक चिंताजनक जानकारी सामने आई है. यहां की गंगा से लगातार मछलियां गायब हो रही हैं. कुछ मछलियां तो विलुप्त होने की कगार …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- गंगा में मछलियों की संख्या घट रही है.
- प्रदर्शनी में मछलियों की हालत चिंताजनक है.
प्रयागराज: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले का आज 25वां दिन है. यहां लाखों-करोड़ों लोग हर दिन त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. यहां गंगा से लगातार गायब हो मछलियां लोगों के सामने आई हैं. इनमें कुछ मछलियां तो विलुप्त होने की कगार पर हैं और कुछ तो मानों विलुप्त ही हो गई हैं. कहीं न कहीं मछलियों की प्रजाति के विलुप्त होने की वजह गंगा के जलस्तर में बढ़ता प्रदूषण माना जा रहा है. हालांकि, गायब हो रही मछलियां अब महाकुंभ नगर में देखने को मिली हैं. आइए जानते हैं सबकुछ…
गंगा से गायब हो रही मछलियां
गंगा में झींगा, शंकर, हिलसा, मिरका या मृगाल आदि बहुत ज्यादा तादाद देखने को मिलते थे. मगर, अब यह मछलियां दिखती ही नहीं हैं. पहले समंदर से मछलियां गंगा में आती थीं. अब समुद्री मछली गंगा में नहीं आ पाती हैं, जिसके कारण झींगा मछली की प्रजाति विलुप्त हो गई. गंगा से मछलियां गायब हो रही हैं, इसका सीधा असर एक बड़ी आबादी की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है.
सेल्फी और वीडियो बना रहे लोग
हालांकि,सरकार गंगा नदी से विलुप्त हुई मछलियों को नमामि गंगे मिशन के जरिए संरक्षित कर रही है. विलुप्त हुई मछलियों को केमिकल के जरिए संरक्षित किया गया. इन पर शोध और अध्ययन भी किया जा रहा है. इन मछलियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. वहीं दूर-दूर से लोग इन्हें देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं. इन मछलियों के साथ सेल्फी ले रहे हैं और उनका वीडियो बना रहे हैं. हालांकि प्रिजर्व की गई मछलियां मरने की हालत में हैं.
क्या बोले अधिकारी?
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनी में देखी जाने वाली मछलियां सिर्फ और सिर्फ गंगा में पाई जाती हैं. हालांकि. गंगा से विलुप्त हुई कुछ मछलियां भी हैं. इन मछलियों पर अध्ययन और शोध किया जा रहा है. इनके बारे में पता लगाने की कोशिश हो रही है. हिमाचल की खास मछलियां भी मौजूद हैं.
एक खास जार में बंद
मछलियों को एक खास जार में रखा गया है. हालांकि, कहा जाता है कि मछली जल की रानी है, जल ही उसका जीवन है. मगर यहां इन्हें पानी नसीब नहीं है. इन्हें केमिकल के जरिए जिंदा रखा गया है. इस जार में इन मछलियों का जीवन दो से ढाई साल है.
Allahabad,Uttar Pradesh
February 06, 2025, 13:31 IST
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