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Explainer- फरवरी को प्यार का मौसम कहा जाता है. 7 फरवरी को रोज डे से शुरू हुआ यह प्यार का हफ्ता 14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे पर थमेगा. जहां इस मौसम में प्यार परवान चढ़ता है, वही इसी महीने को प्यार का अंत भी माना ज…और पढ़ें
![वैलेंटाइंस डे पर प्यार का इजहार ही नहीं ब्रेकअप भी होता है! फरवरी को क्यों कहते हैं दिल के टूटने का महीना? वैलेंटाइंस डे पर प्यार का इजहार ही नहीं ब्रेकअप भी होता है! फरवरी को क्यों कहते हैं दिल के टूटने का महीना?](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/valentines-day-2-2025-02-e9d35fc460110b34932be0c567bc1977.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
कैजुअल डेटिंग मेंटल हेल्थ पर बुरा असर करती है (Image-Canva)
प्यार की खुशबू हवा में महक रही है. कोई अपने प्यार को गुलाब दे रहा है तो कोई प्यार का इजहार करने की प्लानिंग बना रहा है. फरवरी शुरू होते ही चारों तरफ रोमांटिक माहौल बनने लगता है. कपल्स Valentine’s Day की तैयारी में जुट जाते हैं. बहुत से लोग इस महीने को प्यार का मौसम कहते हैं लेकिन यही महीना रोमांस का ‘The end’ भी है. कई रिसर्च में सामने आ चुका है कि दुनिया में सबसे ज्यादा रिश्ते Valentine’s Day पर ही टूटते हैं.
अक्टूबर से शुरू होता है प्यार का मौसम
प्यार केवल इमोशन नहीं है बल्कि दिमाग का केमिकल लोचा भी है. साइकोलॉजिकल रिसर्च के अनुसार सर्दी का मौसम शुरू होते ही दिमाग को पार्टनर की जरूरत महसूस होने लगती है. इसलिए प्यार का मौसम फरवरी से नहीं बल्कि अक्टूबर से शुरू हो जाता है. इसे कफिंग सीजन का नाम दिया गया जो फरवरी में वैलेंटाइंस डे के दिन खत्म हो जाता है. इस सीजन को विंटर रोमांस भी कहा जाता है. ऑस्ट्रेलिया के बेकर हार्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिसर्च में सामने आया कि सर्दियों में सेरोटोनिन नाम के हार्मोन का लेवल गिर जाता है जिससे व्यक्ति का मूड खराब हो जाता है. ऐसे में उसे खुश रहने के लिए डोपामाइन नाम के हैप्पी हार्मोन की जरूरत होती है. जब जिंदगी में कोई नया इंसान आता है जिसके बारे में सोच कर रोमांटिक ख्याल आए तो मूड खुश हो जाता है और शरीर को सर्द ठंड में भी गर्मी का एहसास होने लगता है.
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अक्टूबर से डेटिंग ऐप पर 200% तक सब्सक्राइबर बढ़ जाते हैं (Image-Canva)
प्यार के पीछे की साइंस
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार प्यार किसी को एक दिन में नहीं होता. इसकी कुछ स्टेज होती हैं. लस्ट स्टेज पर व्यक्ति आकर्षित होता है. अट्रैक्शन की स्टेज पर लव हार्मोन्स रिलीज होते हैं और इस स्थिति में व्यक्ति हमेशा अपने प्यार के बारे में सोचता है जिससे उसकी भूख, प्यास, नींद, चैन सब खत्म हो जाता है. प्यार की अंतिम स्टेज अटैचमेंट की होती है. इस स्टेज पर कपल्स के बीच अंडरस्टैंडिंग बनती है और उनका रिश्ता मजबूत हो जाता है. दरअसल ऑक्सीटोसिन लव हार्मोन होता है जो प्यार से छूने पर रिलीज होता है. इसी से अट्रैक्शन और एक्साइटमेंट तेजी से बढ़ती है. डोपामाइन हार्मोन से उल्लास बढ़ता है और व्यक्ति खुद को एनर्जी से भरपूर समझता है. टेस्टोस्टेरॉन मेल सेक्स हार्मोन होते हैं जिससे सेक्शुअल बॉन्डिंग मजबूत बनती है.
युवाओं का शॉर्ट टर्म रोमांस
रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. गीतांजलि शर्मा कहती हैं कि कफिंग सीजन शब्द इंग्लिश के हैंडकफ शब्द यानी हथकड़ी से बना है. इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति को अपने प्यार में गिरफ्तार करना. कफिंग सीजन को युवाओं का शॉर्ट टर्म रोमांस माना जाता है जो सर्दी का मौसम खत्म होते ही छूमंतर हो जाता है. दरअसल आजकल के युवा शॉर्ट डेटिंग को पसंद करते हैं. डेटिंग ऐप और सोशल मीडिया के आने से उनके पास कई पार्टनर के ऑप्शन होते हैं इसलिए वह किसी एक इंसान के साथ बंधना नहीं चाहते. इस शॉर्ट टर्म रोमांस में 14 फरवरी से पहले तक सब अच्छा होता है लेकिन इसके बाद रिलेशनशिप टूट जाता है. 2007 में याहू ने एक सर्वे किया जिसमें कहा गया कि कपल्स के बीच ब्रेकअप सबसे ज्यादा क्रिसमस और वैलेंटाइंस डे पर होते हैं. वहीं कुछ रिसर्च यह भी कहती हैं कि जो रोमांस 14 फरवरी से शुरू होता है, वह लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में ज्यादा बदलता है.
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फरवरी के बाद कपल्स के बीच का प्यार छूमंतर हो जाता है (Image-Canva)
फूलों की खुशबू बढ़ाती रोमांस
फूलों को देखकर हर किसी का चेहरा मुस्कुरा उठता है. मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि फूलों की खुशबू हमारे मूड को तुरंत अच्छा करती है. वहीं इसकी खुशबू से रोमांस भी बढ़ता है. कपल्स के बीच फूलों की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इससे सेक्शुअल डिजायर बढ़ती है. इनकी महक कपल की असहजता को दूर करती है और उन्हें करीब आने का मौका देती है. हर फूल की खुशबू दिमाग पर अलग-अलग तरीके से असर करती है. अमेरिका की रूटगर्स यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार फूलों की महक दिल की धड़कनों को धीमा करती हैं और इमोशंस को बैलेंस रखने में मदद करती है. इससे व्यक्ति का तनाव दूर होता है. गुलाब का फूल शरीर में सेरोटोनिन, डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन और ऑक्सिटॉक्सिन नाम का लव हार्मोन रिलीज करता है जिससे कपल्स के बीच रोमांस बढ़ जाता है. इसी तरह पीले रंग के फुल कपल के बीच अट्रैक्शन को बढ़ाते हैं और ऑर्किड कपल को करीब लाते हैं. वहीं चमेली का फूल सेक्शुअल डिजायर को बढ़ाता है.
पुरुषों को होता है जल्दी प्यार
‘डेट आउट ऑफ योर लीग’ की किताब के लेखक अप्रैल मेसिनी के अनुसार पुरुष महिलाओं को देख 90 सेकंड में ही उनकी तरफ आकर्षित होने लगते हैं. वहीं ई-हार्मोनी नाम की वेबसाइट ने एक सर्वे किया. इसमें सामने आया कि अक्सर लोग एक-दूसरे को समझने के बाद लगभग 4 महीने बाद प्यार का इजहार करते हैं. लेकिन जो पुरुष 35 साल की उम्र से कम होते हैं, इस कैटेगरी में 5 में से 1 पुरुष एक हफ्ते के अंदर ही अपने पार्टनर को ‘आई लव यू’ बोल देते हैं. वहीं मैच नाम की वेबसाइट के अनुसार अक्सर लोग 144 दिन के बाद प्यार का इजहार करते हैं.
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February 08, 2025, 14:56 IST
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