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Sultanpur News: मथुरा वृंदावन के रमण रेती के रहने वाले 9 साधुओं की टोली इस समय सुल्तानपुर पहुंची हुई है. हैरानी इस बात की है कि इस टोली का एक सदस्य ही ऐसा है जिसकी दोनों आँखें सही सलामत हैं, जबकि अन्य सभी 8 साध…और पढ़ें

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गजब की है साधुओं की यह टोली, आंखों से हैं अंधे…फिर भी वृंदावन से पैदल जा रहे हैं महाकुंभ

साधुओं से बातचीत करते हुए लोकल 18 टीम 

हाइलाइट्स

  • 8 अंधे साधु महाकुंभ के लिए वृंदावन से प्रयागराज जा रहे हैं.
  • साधुओं की टोली भजन कीर्तन कर यात्रा पूरी कर रही है.
  • टोली में शामिल सभी साधु कृष्ण प्रेमाश्रयी शाखा के हैं.

सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस समय संगम स्नान को लेकर महाकुंभ का भव्य आयोजन चल रहा है. ऐसे में देश-विदेश के श्रद्धालु और साधु संत भारी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में प्रयागराज महाकुंभ में दर्शन और स्नान के लिए वृंदावन से अनोखे साधुओं की एक टोली निकली हुई है. 9 लोगों की इस टोली में 8 साधु अंधे हैं और एक साधु के सहारे वे पूर्वांचल के विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं. ढोल मजीरे की थाप पर नाचते गाते ये साधु इस समय सुल्तानपुर पहुंचे हुए हैं. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट.

सभी साधु हैं सूरदास 
दरअसल मथुरा वृंदावन के रमण रेती के रहने वाले 9 साधुओं की टोली इस समय सुल्तानपुर पहुंची हुई है. हैरानी इस बात की है कि इस टोली का एक सदस्य ही ऐसा है जिसकी दोनों आँखें सही सलामत हैं, जबकि अन्य सभी 8 साधु जन्म से भी अंधे हैं. बावजूद इसके इन्हीं के साथ कंधे से कंधा मिला कर इन लोगों ने काशी विश्वनाथ और अयोध्या धाम में दर्शन पूजन कर लिया है और अब प्रयागराज जा रहे हैं.

भजन कीर्तन कर पूरी करते हैं यात्रा 
लोकल 18 से बातचीत के दौरान टोली के गुरू ने बताया कि वे लोग हाथों में ढोल मजीरे सहित तमाम वाद्य उपकरण के जरिए वे जगह जगह रुक रुककर लोगों को भजन सुनाते हैं और बरबस ही अपनी तरफ लोगों का मन मोह रहे हैं. इसके एवज में भजन सुनने वाले इनकी थोड़ी बहुत मदद कर दे रहे हैं. बहरहाल अब इनका काफिला प्रयागराज की तरफ निकल चुका है. जहां ये तीर्थों के राजा प्रयागराज में महाकुंभ में शामिल होकर  संगम में स्नान पूजन करेंगे और वहां से किसी अन्य धार्मिक स्थल के लिए रवाना हो जाएंगे.

कृष्ण प्रेमाश्रयी शाखा के बताए जा रहे साधू 

टोली में शामिल सभी साधु कृष्ण प्रेमाश्रयी शाखा के बताए जा रहे हैं. क्योंकि इनके द्वारा गाए गए भजन और कीर्तन भगवान श्री कृष्ण से संबंधित हैं. जो उनके बाल लीला और प्रेम लीला का वर्णन करते हैं. इसके अलावा अपने भजन कीर्तन में यह साधु नारायण का भी भजन कीर्तन गाते हैं.

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गजब की है साधुओं की यह टोली, आंखों से हैं अंधे, फिर भी जा रहे हैं महाकुंभ

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