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दर्शकों को जिस फिल्म का सबसे ज्यादा इंतजार था, आखिरकार 5 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो ही गई. अल्लू अर्जुन की ‘पुष्पा 2’ उम्मीदों पर खरी उतरी है. साउथ के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन ने ‘पुष्पा’ के अवतार में दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. लोग उनके स्टाइल तक को कॉपी करने लगे हैं और अब ‘पुष्पा’ एक ब्रांड बनकर उभरी है. तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या ‘पुष्पा’ ब्रांड लोगों के दिलों को छू पाएगी या नहीं.

आज सुबह जब मैं पहला शो देखने सिनेमा हॉल पहुंचा तो मैंने देखा कि दर्शकों में ‘पुष्पा 2’ को लेकर काफी उत्साह थी. सभी सीटें भरी हुई थीं. फिल्म का पहला शो हाउसफुल था. सालों बाद थिएटर में ऐसा नजारा देखने को मिला. पूरी फिल्म के दौरान सीटियों और तालियों की आवाज सुनाई दे रही थी. इसका मतलब है कि दर्शकों को फिल्म काफी पसंद आई. अब जब दर्शकों को फिल्म पसंद आई तो जाहिर सी बात है कि फिल्म की कहानी और डायलॉग्स भी दमदार होंगे.

फिल्म वहीं से शुरू होती है जहां खत्म हुई थी, फर्क सिर्फ इतना है कि पुष्पा (अल्लू अर्जुन) अब सिंडिकेट का नेतृत्व कर रहा है. वह अब एक ब्रांड बन चुका है. सिंडिकेट के सभी सदस्य भी उसके काम से खुश हैं, लेकिन एसपी भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) अभी भी पुष्पा के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. वह लगातार पुष्पा के काम के आड़े आ रहा है. एक दिन सांसद भूमि रेड्डी सिद्दप्पा नायडू (राव रमेश) पुष्पा को सीएम नरसिम्हा रेड्डी (आदुकलम नरेन) से मिलवाने के लिए सीएम हाउस ले जाता है.

पुष्पा जब सीएम से मिलने जाने लगता है तो उसकी पत्नी श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) उससे कहती है कि वह सीएम के साथ एक तस्वीर खिंचवा ले, जिसे वह फ्रेम करवाकर घर में रखेगी, लेकिन सीएम पुष्पा के साथ तस्वीर खिंचवाने से मना कर देते हैं और सबके सामने उसकी बेइज्जती करते हैं. यह बात पुष्पा को पसंद नहीं आती और वहीं से फिल्म की पूरी कहानी बदल जाती है. पुष्पा फैसला करता है कि वह अपने खास सांसद भूमि रेड्डी सिद्दप्पा नायडू को सीएम बनाएगा, जिसके लिए जो भी पैसे लगेंगे वह देगा.

अब आगे क्या होता है यह जानने के लिए आपको खुद सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी. वैसे फिल्म पुष्पा और श्रीवल्ली की जोड़ी फिर से सभी के दिलों पर राज करेग. इस बार फहाद को भी फिल्म में काफी स्पेस दिया गया है. फवाद ने भी इसका पूरा फायदा उठाया है. वैसे इसमें तो कोई शक नहीं कि फवाद एक अच्छे एक्टर हैं, लेकिन बार उन्होंने अपना बेस्ट दिया है. फिल्म में अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना, फहाद फासिल के अलावा सभी स्टार कास्ट ने अपनी एक्टिंग के साथ न्याय किया है. इसमें कोई शक नहीं है कि अल्लू अर्जुन ने ‘पुष्पा 2’ के लिए पहले से ज्यादा मेहनत की है. फिल्म का फर्स्ट हाफ और सेकेंड हाफ दोनों ही मजेदार है. मतलब पूरी फिल्म में आपको कहीं भी बोरियत महसूस नहीं होगी.

फिल्म की कहानी के साथ-साथ डायलॉग्स भी बेहतरीन हैं, जो आपको ताली बजाने पर मजबूर कर देंगे. सुकुमार का निर्देशन भी काबिले तारीफ है. उन्होंने छोटी-छोटी चीजों पर भी ध्यान दिया है. इस बार उन्होंने वाकई पुष्पा को एक ब्रांड के तौर पर पेश किया है. फिल्म में एक्शन पहले से ज्यादा दमदार है. अल्लू अर्जुन की मेहनत भी उनके एक्शन सीन्स में साफ नजर आती है. लेकिन, ऐसा नहीं है कि कोई भी फिल्म पूरी तरह से परफेक्ट हो सकती है.

इस फिल्म में कुछ कमियां भी हैं. पिछले पार्ट की तरह दूसरे पार्ट में भी गाने आपको उदास करते हैं. हिंदी भाषी लोगों के लिए ये निराशाजनक हो सकता है. कुल मिलाकर ये फिल्म पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है. फिल्म में एक्शन के साथ-साथ इमोशन का कॉम्बो होने वाला है. अगर फिल्म के गाने उत्तर भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाए जाते तो शायद मैं इस फिल्म को 4.5 की रेटिंग दे सकता था, इसलिए मैं आधे अंक काट रहा हूं. मेरी तरफ से ‘पुष्पा 2: द रूल’ को 4 स्टार.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Allu Arjun, Film review

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