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Best Samosa: दौसा के टोरडा गांव के समोसे अपनी ताजगी और शुद्धता के लिए मशहूर हैं. सुरेश कुमार प्रजापत की दुकान पर 25-30 किलोमीटर दूर से लोग आते हैं. समोसे सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मिलते हैं.

टोरडा में समोसा की दुकान
हाइलाइट्स
- टोरडा गांव के समोसे 25-30 किमी दूर से लोग आते हैं.
- समोसे सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मिलते हैं.
- शुद्धता और ताजगी के कारण समोसे मशहूर हैं.
पुष्पेंद्र मीना/दौसा. राजस्थान के हर कस्बे की अपनी खास पहचान होती है, लेकिन दौसा जिले के टोरडा गांव के समोसे अपनी खास स्वाद और लोकप्रियता के लिए मशहूर हैं. यहां के समोसे सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ही उपलब्ध होते हैं, लेकिन इनका स्वाद ऐसा है कि लोग इन्हें खाने के लिए 25 से 30 किलोमीटर दूर से भी आते हैं.
टोरडा गांव में समोसे की मशहूर दुकान चलाने वाले सुरेश कुमार प्रजापत बताते हैं कि वे पिछले 8 से 10 सालों से यह व्यवसाय कर रहे हैं. उनकी दुकान उनके घर के बाहर ही स्थित है, यहां उनके परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग करते हैं. सुरेश बताते हैं कि वे हर दिन सुबह 10-11 बजे दुकान खोलते हैं और शाम 5 या 6 बजे तक समोसे बेचते हैं. खास बात यह है कि इस दौरान 25 से 30 किलोमीटर दूर से भी लोग उनके समोसे खरीदने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं.
25 से 30 किलोमीटर दूर से आते है लोग
टोरडा गांव के समोसों का स्वाद लेने पहुंचे मुकेश बताते हैं कि जब भी कचौरी, पकौड़ी या समोसे की चर्चा होती है और टोरडा के समोसों का नाम आता है, तो मुंह में पानी आ जाता है. समोसे खाने की इच्छा होते ही सभी दोस्त वहां पहुंच जाते हैं, लेकिन दुकान पर पहुंचने के बाद भी आधे से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. पहले ऑर्डर देना जरूरी होता है, तभी समोसे मिलते हैं. यहां लोगों की लंबी कतार लगी रहती है, और स्वादिष्ट समोसे खाने के लिए लोग 25 से 30 किलोमीटर दूर से भी आते हैं.
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