[ad_1]
Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:
Desert King : राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी मानव, पशु और पर्यावरण के लिए अत्यंत उपयोगी है. इसकी पत्तियां, फल और छाल औषधीय गुणों से भरपूर हैं. धार्मिक मान्यताओं में भी इसका महत्व है, जैसे यज्ञ, हवन और त्योहारों…और पढ़ें

खेजड़ी के फल सांगरी से सब्जी भी बनती है, जो राजस्थानी संस्कृति का प्रतीक है.
हाइलाइट्स
- खेजड़ी पेड़ राजस्थान का राज्य वृक्ष है.
- खेजड़ी की पत्तियां और फल औषधीय गुणों से भरपूर हैं.
- खेजड़ी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है.
जयपुर. राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी वृक्ष प्रकृति, मानव और पशु सभी के लिए बहुत उपयोगी है. ये पेड़ राजस्थान की रेतीली मिट्टी में भी आसानी से उग जाता है. इस पेड़ की पत्तियां छोटी होती है व तना मोटा होता. इसकी पत्तियों को लूम या लूंगी कहते हैं. इसके अलावा इसके फल को सांगरी कहते हैं. इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है. आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि खेजड़ी पेड़ की छाल औषधि उपयोग में ली जाती है. इसके अलावा इसकी पतियों का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के साथ-साथ पशु आहार के रूप में भी किया जाता है.
खेजड़ी के फल सांगरी से सब्जी भी बनती है, जो राजस्थानी संस्कृति का प्रतीक है. विदेशी पर्यटकों को को केर और सांगरी की सब्जी बहुत पसन्द आती है. खेजड़ी को लेकर कई धार्मिक मान्यता भी है. खेजड़ी को राजस्थान का कल्पवृक्ष भी कहा जाता है. राजस्थान में शादी के समय खेजड़ी की डाली को पूजा काम आती है. इसकी लकड़ी यज्ञ की समिधा के लिए पवित्र मानी जाती है.
खेजड़ी के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि पुराने समय से खेजड़ी के पेड़ का उपयोग औषधीय लाभ के लिए होता आ रहा है. खेजड़ी की पत्तियों का काढ़ा पीने से खांसी में अस्थमा में सांस लेने में आ रही तकलीफ में तुरंत आराम मिलता है. इसके अलावा खेजड़ी का छाल का लेप बिच्छू के डंक के जहर को उतारने में किया जाता है. इसकी छाल को पीसकर डंक वाली जगह लगाया जाता है.
खेजड़ी में लगने वाला फल सांगरी का लगातार सेवन करने से त्वचा साफ होती है वह खून भी शुद्ध होता है. इसके अलावा इसमें मौजूद तत्व पेट के कीड़े मारने में सहायक होते हैं. इसके अलावा सांगरी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
खेजड़ी के धार्मिक महत्व
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि खेजड़ी का पेड़ पवित्र माना जाता है. खेजड़ी की लड़कियों को यज्ञ हवन में प्रयोग किया जाता है. वहीं, जन्माष्टमी, दशहरा, गोगा नवमी, और पतवारी पूजन पर खेजड़ी की पूजा की जाती है. इसके अलावा होलिका दहन में प्रहलाद के रूप में खेजड़ी की मोटी लकड़ी को ही रखा जाता है. शनि देव को शांत रखने के लिए भी इसकी पूजा की जाती है. पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान अपने हथियार खेजड़ी के पेड़ में छिपाए थे.
Jaipur,Rajasthan
February 15, 2025, 09:45 IST
[ad_2]
Source link