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Maha Kumbh Mela : महाकुंभ में भ्रामक पोस्ट करने के आरोप में 101 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कार्रवाई की गई है. पुलिस ने फर्जी खबरें फैलाने वालों पर सख्ती बरती और जनता से सत्यापित जानकारी साझा करने की अपील की है. यह…और पढ़ें

Maha Kumbh Mela : महाकुंभ भगदड़ पर किया था भ्रामक पोस्ट शेयर, सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने लिया एक्‍शन

योगी सरकार ने कड़ा एक्‍शन लिया है.

महाकुंभ नगर (उप्र). उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस ने महाकुंभ और प्रयागराज के बारे में भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में कुल 101 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई है ताकि आयोजन के बारे में भ्रामक खबरों और गलत सूचनाओं पर लगाम लगाई जा सके. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि भ्रामक सामग्री के प्रसार की निगरानी और उसका मुकाबला करने के लिए एक व्यापक साइबर गश्ती रणनीति लागू की गई थी तथा इस पहल के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस और विशेषज्ञ एजेंसियां महाकुंभ से जुड़ी फर्जी पोस्ट, अफवाहों और अन्य साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सोशल मीडिया मंचों पर लगातार नजर रख रही हैं.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 19 फरवरी को सोशल मीडिया निगरानी के दौरान पाया गया कि कुछ अकाउंट की पोस्ट में पाकिस्तान के करक जिले के एक वीडियो को प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ से गलत तरीके से जोड़ा गया था. भ्रामक वीडियो के साथ ‘ये प्रयागराज है’ शीर्षक वाला एक गाना भी था, जिसमें दावा किया गया था कि ‘माता-पिता की सेवा करने से भी पाप धुल नहीं जाते, लेकिन यहां तो लोग अपने पाप धोने की कोशिश में अपनी जान गंवा रहे हैं.’

सूत्रों के मुताबिक सत्यापन के बाद पता चला कि फुटेज में जनवरी 2025 में पाकिस्तान में एक सड़क दुर्घटना को दिखाया गया था, जो एक ट्रेलर के ब्रेक फेल होने के कारण हुई थी. कुंभ मेला प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस ने आधिकारिक तौर पर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इन दावों का खंडन किया. सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई के तहत कुंभ मेला पुलिस ने 26 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ के रूप में दुर्घटना को गलत तरीके से दिखाकर भय पैदा करने और आयोजन को बदनाम करने का प्रयास किया गया है.

पुलिस ने बताया कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक गलत सूचना फैलाने के लिए 101 अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ कुल 10 मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि 13 जनवरी, 2025 को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) के एक अकाउंट के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसने कुंभ मेला क्षेत्र में अग्नि सुरक्षा छद्म अभ्यास को वास्तविक आग की घटना के रूप में गलत तरीके से चित्रित किया था.

इसके अलावा इसी महीने दो फरवरी को सात अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की गई थी जिन पर नेपाल के एक वीडियो को भ्रामक दावों के साथ साझा किया था और उसमें महाकुंभ में भगदड़ के पीड़ितों के शवों को ले जाते हुए शोकाकुल परिवारों को दिखाया गया है. उसी दिन, एक अन्य ‘इंस्टाग्राम’ अकाउंट के खिलाफ एक भ्रामक वीडियो प्रसारित करने पर मामला दर्ज किया गया था. इसमें गलत आरोप लगाया गया था कि महकुंभ में भगदड़ में मारे गये भक्तों के शवों को नदी में फेंका जा रहा था और उनके अंगों को अवैध रूप से निकाला जा रहा था.

इसी तरह सात, नौ, 12, 13, 14 और 15 फरवरी को भ्रामक पोस्ट करने पर कई सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. डीजीपी प्रशांत कुमार ने जनता से असत्यापित जानकारी साझा करने से बचने का भी आग्रह किया और उन्हें कुंभ मेला पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से महाकुंभ से संबंधित किसी भी समाचार, चित्र या वीडियो को सत्यापित करने के लिए प्रोत्साहित किया.

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महाकुंभ भगदड़ पर किया था भ्रामक पोस्ट शेयर, सीएम योगी ने लिया एक्‍शन

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